Vastu Shastra for Water: जल ही जीवन है. यानी पानी हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पानी रखने के लिए कुछ दिशाएं विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती हैं, जो घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदद करती हैं.

अगर हम इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो कई बात मुसीबत भी झेलनी पड़ सकती है. तो आइए, जानते हैं उन दिशाओं के बारे में.

उत्तर दिशा

उत्तर दिशा को पानी रखने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. यह दिशा समृद्धि, उन्नति और धन के लिए उत्तम है. यदि इस दिशा में पानी का स्रोत या जल स्टोर किया जाए, तो यह घर में समृद्धि लाने में मदद करता है.

पूर्व दिशा

पूर्व दिशा भी पानी रखने के लिए अच्छी मानी जाती है, खासकर पानी के झरने, जलकुंड या वाटर फाउंटेन रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. इस दिशा में पानी रखने से मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं.

दक्षिण-पूर्व दिशा (Vastu Shastra for Water)

इस दिशा में पानी रखने से घर में धन का आगमन होता है, क्योंकि यह दिशा वाणी और ऊर्जा का कारक मानी जाती है. हालांकि, यहां पानी रखने के लिए ध्यान रखें कि इसका आकार और मात्रा ज्यादा न हो.

दक्षिण दिशा से बचें

दक्षिण दिशा में पानी रखना नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी मानी जाती है. यहां पानी रखने से घर में समस्याएं और तनाव बढ़ सकते हैं.

पानी का स्थान (Vastu Shastra for Water)

पानी को हमेशा साफ और स्वच्छ रखना चाहिए, ताकि घर में शांति बनी रहे और ऊर्जा का प्रवाह ठीक रहे. जल को ठहरे हुए या गंदे रूप में न रखें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है.अगर इन दिशाओं का पालन किया जाए, तो घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार हो सकता है.