Vastu Tips: शास्त्रों में बताया गया है कि सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से साधक को बल, बुद्धि, विद्या समेत अनेक चीजों की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है. इसके साथ ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में सावन मास के सन्दर्भ में कुछ उपाय व नियम बताए गए हैं. जिनका पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है.
इस दिशा में रखें भगवान शिव की प्रतिमा
शास्त्रों में बताया गया है कि जिस दिशा में भगवान शिव निवास करते हैं, उसी दिशा भगवान शिव की प्रतिमा लगानी चाहिए. बता दें कि भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश है और कैलाश उत्तर दिशा में हैं. इसलिए इसी दिशा में भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. भगवान शिव की तस्वीर स्थापित करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप शिव परिवार का चित्र लगाएं. चित्र में माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय उपस्थित हों. ऐसा करने से शिव जी उपासना का विशेष फल मिलता है.
सावन माह में शिवलिंग को घर के ईशान कोण में स्थापित करें. यह दिशा सबसे शुभ मानी जाती है क्योंकि यह देवी देवताओं की दिशा है. इस दिशा में भगवान शिव की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
सावन मास में हर रोज मुख्य द्वार पर गंगाजल से छिड़काव करें और चौखट पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. इसके बाद घर के दोनों ओर घी का दीपक लगाएं और फिर शिवालय में जाकर शिवलिंग की पूजा अर्चना करें. वास्तु के इस उपाय से घर में समृद्धि का वास होता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
वास्तु के अनुसार, शिवलिंग की पूजा से पहले रुद्राक्ष शिवलिंग के पास रख दें और फिर विधिवत रूप से जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करें. पूजा हो जाने के बाद रुद्राक्ष को शिवलिंग के पास से उठा लें और फिर उसको लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या अलमारी में रख दें या फिर घर के मुख्य द्वार पर बांध दें. ऐसा करने से धर में धन धान्य में कमी नहीं आती है और धन आगमन के योग बनते हैं.
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