हिन्दू धर्म में सोलह श्रृंगार का वर्णन मिलता है. यह सोलह श्रृंगार स्त्रियों के लिए बहुत महत्व पूर्ण माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि हर सुहागिन स्त्री को सोलह श्रृंगार अवश्य करना चाहिए क्योंकि इससे विवाहित महिला के सुहाग की रक्षा होती है. यूं तो सोलह श्रृंगार में बहुत सी चीजें होती हैं, लेकिन अज हम बात कने वाले हैं चूड़ियों की. असल में सोलह श्रृंगार का एक भाग है विवाहित महिलाओं द्वारा चूड़ियां पहनना. चूड़ियां पहनने से महिलओं को बल की प्राप्ति होती है. हालांकि ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि अगर हाथ में पहनी हुई चूड़ी चटक या टूट जाए तो फौरन उससे जुड़ा उपाय कर लेना चाहिए, नहीं तो अशुभ हो सकता है.
हाथ में पहनी हुई चूड़ी टूट जाए तो क्या करें?
1-सुहागिन स्त्री ने अगर हाथ में चूड़ियां पहनी हुई हैं और गलती से या किसी कारणवश कोई चूड़ी टूट या चटक जाए तो इस बात का ध्यान रखें कि उसे फेंके नहीं. यह अशुभ हो सकता है. चूड़ी को सुहागिन के लिए बहुत पवित्र मानते हैं.
2-ऐसे में चूड़ी अगर टूट या चटक भी जाए तो उसे फेंकना नहीं चाहिए. इसके बदले आपको एक लाल कपड़े में चूड़ी के टुकड़ों को रखकर उसे किसी भी पेड़ के नीचे जमीन में गाढ़ आना चाहिए. इससे सुहाग की वस्तु का अपमान नहीं होता.
3-इसके अलावा, टूटी हुई चूड़ी का कोई दुष्प्रभाव भी आप पर या आपके पति पर नजर आ पाता है. इसके अलावा, ज्योतिष में बताया गया है कि टूटी हुई चूड़ी से तांत्रिक प्रयोग भी किया जा सकता है. ऐसे में उस चीज से बचने के लिए भी चूड़ी को गाढ़ आना चाहिए.
4-अगर किसी अविवाहित लड़की या महिला के हाथ में चूड़ी है और वह टूट गई है तो उसे फेंकने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि वह सुहाग की निशानी के तौर पर नहीं जानी जाती है. ऐसे में उसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है.
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