वास्तु शास्त्र की बात जब भी होती है, तब किचन की दिशा, ड्राइंग रूम का डेकोरेशन और दूसरे कमरों की दशा सुधारने पर फोकस होता है। पर, क्या आप जानते हैं कि आपका आटा माढ़ने का तरीका भी वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में काफी मायने रखता है।

वास्तुशास्त्र में ऐसी मान्यता है कि आटा माढ़ने (Kneading Flour) का तरीका आपको धनवान बना सकता है या धन की हानि भी करवा सकता है इस मुश्किल से निपटने के लिए जरूरी है कि आपको आटा माढ़ने का सही तरीका पता हो।
वैसे तो आटा आप रोज ही माढ़ते होंगे। ताकि घर वालों को ताजी और फूली हुई नर्म रोटी खिला सकें। लेकिन इसे माढ़ना कैसे है उसका तरीका भी समझ लीजिए।

तांबे के बर्तन के पानी से

वास्तु शास्त्र के अनुसार आटा माढ़ने के लिए हमेशा तांबे के बर्तन में पानी लेना चाहिए। तांबे के पात्र या बर्तन में रखा पानी हमेशा शुद्ध माना जाता है। तांबे को भी सबसे शुद्ध धातु माना जाता है। जिसमें रखे पानी से आटा माढ़ने से घर में बरकत आती है, ऐसी मान्यता है।

आटा गुथने के बाद तुरंत न बनाए रोटी

आटा माढ़ने के बाद आपने देखा होगा कि उसमें हमेशा उंगलियों की छाप छोड़ी जाती है। आटा माढ़ कर कुछ देर उस पर पानी डालकर रखते हैं। उस वक्त भी आटा प्लेन नहीं होना चाहिए। आटा माढ़ने के बाद तुरंत रोटी नहीं बना रहे हैं तो आटे को प्लेन रखने की जगह उस पर उंगलियों के निशान छोड़ने चाहिए।

उंगलियों के निशान डाल दें

ऐसा माना जाता है कि प्लेन आटा या आटे की गोल लोई पिंड का प्रतीक होती है। जो पिंडदान करते समय बनाई जाती है। ये मान्यता है कि गोल लोई या प्लेन आटा रखने से पुरखों की नाराजगी मोल ले लेते हैं।अगर आटा फ्रिज में भी रख रहे हैं तो उसे दबा दें या उंगलियों के निशान डाल दें।

फ्रिज में ज्यादा देर न रखें आटा

आटे को फ्रिज में ज्यादा देर रखना भी शुभ नहीं माना जाता है। कहते हैं कि फ्रिज में रखा आटा किसी भी बीमारी का कारण बन सकता है। इसलिए जितना हो सके आटा ताजा ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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