VB-G RAM-G Bill Pass In Parliament: संसद के शीतकालीन सत्र के खत्म होने के 24 घंटे पहले दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन बिल यानी वीबी-जी राम-जी बिल (VB-G RAM G) बिल पास हो गया। 18 दिसंबर को दोपहर में लोकसभा में बिल पास हुआ। इसके बाद राज्यसभा में मैराथन बहस के बाद रात 12.30 बजे राज्यसभा से भी VB-G RAM R बिल पास हो गया। अब इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह देश में लागू हो जाएगा।

हालांकि वीबी-जी राम-जी बिल पास करवाने से पहले चर्चा के दौरान विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस सांसद और राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आने वाले दिनों में एक समय आएगा जब आप इस कानून को भी तीन कृषि कानूनों की तरह वापस ले लेंगे। वहीं इस बिल के विरोध में टीएमसी सांसदों ने धरना दिया। संसद की सीढ़ियों पर कंबल बिछाकर रातभर टीएमसी सांसदों ने धरना दिया। TMC सांसदों ने कहा कि यह बिल महात्मा गांधी का अपमान, किसानों-गरीबों के खिलाफ है।

संविधान सदन के बाहर विपक्ष ने दिया धरना

दरअसल विक्षित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक को लोकसभा द्वारा पारित किए जाने के कुछ घंटों बाद राज्यसभा ने ध्वनि मत से पारित कर दिया। विपक्ष ने मौजूदा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एमजीएनआरईजीए से महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने और राज्यों पर वित्तीय बोझ डाले जाने के विरोध में कड़ा प्रदर्शन किया। विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए विपक्ष के कई सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। बाद में विपक्षी दलों ने विधेयक के विरोध में संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरना दिया। विपक्ष ने यह भी मांग की है कि विधेयक को आगे की जांच के लिए संसदीय समिति को भेजा जाए।

तीन कृषि कानूनों की तरह इसे भी आप वापस लेंगे

राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद और राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में एक समय आएगा जब आप इस कानून को भी तीन कृषि कानूनों की तरह वापस ले लेंगे। क्या आप ऐसा आंदोलन चाहते हैं जिसमें लोग सड़कें जाम करें, विरोध करें, गोली लगने से घायल हों और मर जाएं? तभी आप कानून वापस लेंगे? लोग सड़कों पर उतरेंगे, गोलियों का सामना करेंगे, लेकिन इस कानून का कभी समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हम लड़ते रहेंगे।

वहीं संजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 80 देशों में गांधी की प्रतिमा है। गांधी राम भक्त थे। इसलिए राम के नाम पर खेल मत खेलिए। राम के नाम पर लूट की तभी अयोध्या हारे। राम भगवान भी अपने भक्त का नाम हटाने से खुश नहीं होंगे। आपको श्राप देंगे। क्या इस जी राम जी योजना से राम का सम्मान कर रहे हैं या अपमान कर रहे हैं?

चर्चा में संघ को घसीटने पर भड़के शिवराज सिंह

इससे पहले लोकसभा में हुई लंबी और तीखी बहस के दौरान केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan ) ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। शिवराज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को चर्चा में घसीटे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि संघ को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जबकि RSS व्यक्ति निर्माण का केंद्र रहा है और देश को चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रनिष्ठ कार्यकर्ताओं की एक लंबी परंपरा दी है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संघ के कार्यकर्ता अपने निजी स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित भाव से कार्य करते हैं। उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के विचारों को पढ़ा और समझा जाना चाहिए, क्योंकि हिंदुत्व किसी प्रकार की संकीर्ण विचारधारा नहीं है, बल्कि वसुधैव कुटुंबकम की भावना पर आधारित है।

यह रोजगार और स्थायी विकास की योजना है

जी राम जी योजना के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए शिवराज ने कहा कि इस योजना में रोजगार की गारंटी भी है और आजीविका को स्थायी रूप से मजबूत करने का लक्ष्य भी। उन्होंने बताया कि अब तक मनरेगा पर आठ से दस लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं और यह आवश्यक हो गया था कि इतनी बड़ी राशि का उपयोग केवल मजदूरी तक सीमित न रहकर स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण में भी किया जाए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जल संरक्षण, सिंचाई, तालाब, कुएं, माइक्रो इरिगेशन, वृक्षारोपण, ग्रामीण सड़कें, पंचायत भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी, पुस्तकालय, खेल मैदान, सोलर लाइट, ग्रामीण आवास, जल जीवन मिशन और आजीविका से जुड़े अनेक कार्य किए जाएंगे। महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने लखपति दीदी अभियान का भी उल्लेख किया।

जानिए क्या है जीरामजी बिल

लोकसभा में 12वें दिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-जी राम जी) बिल, 2025’ पेश किया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को रिप्लेस करेगा। नए बिल में कहा गया है कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। बिल की धारा 22 के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न 60:40 होगा, जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर) के लिए यह 90:10 होगा।

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