लोकसभा ने मनरेगा का नाम बदलने समेत कई प्रावधानों में बदलाव करने वाले विकसित भारत- जी राम जी विधेयक को पारित कर दिया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बिल को सदन में रखा था, जिसे मंजूरी मिल गई है। इस दौरान विपक्ष की ओर से हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में जिस समय विधेयक पर मतदान हो रहा था, उसी समय कई विपक्षी सांसदों ने कागज के टुकड़े फेंके। शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक के पक्ष में कहा कि मनरेगा स्कीम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई थी। अब योजना में बदलाव होने से इसमें करप्शन को कम किया जा सकेगा।

‘मनरेगा’ पहले ‘नरेगा’ थी- शिवराज सिंह चौहान

मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राम राज्य तो उनका ही सपना था। उन्होंने कहा कि बापू तो आज भी हम लोगों के बीच जिंदा हैं। इसलिए उनके नाम को हटाने की कोई बात ही नहीं है। कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष कभी जनता की आवाज नहीं सुनता है और वे सिर्फ अपनी ही कहते और सुनते हैं। वहीं विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि इस विधेयक पर चर्चा के लिए बहुत कम समय दिया गया। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि अब राज्य सरकारों की हिस्सेदारी बढ़ाने से भ्रष्टाचार कम करने में सहायता मिलेगी।

कांग्रेस को नाम रखने की सनक

कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा, ‘कितनी योजनाओ का नाम नेहरू परिवार पर रखा गया। राजीव जी के नाम पर 55 राज्य सरकार की योजनाओं के नाम रखे गए। 74 सड़कों के नाम राजीव पर, 15 नेशनल पार्क नेहरू जी के नाम पर रखे गए। नाम रखने की सनक कांग्रेस की है।’ बता दें कि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने 16 दिसंबर को कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। हर योजना का नाम बदलने की सनक समझ नहीं आती है।

विपक्ष के हंगामे पर शिवराज चौहान ने याद दिलाई गांधीगीरी

विपक्ष के हंगामे को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस तरह जो आप बिल फाड़कर फेंक रहे हैं, वह महात्मा गांधी की अहिंसा की नीति के खिलाफ है। कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह विधेयक तो मनरेगा स्कीम को ही खत्म करने की साजिश है। विपक्षी सांसदों की ओर से बिल की कॉपी फाड़कर फेंके जाने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आपको सदन में जनता के मुद्दे उठाने चाहिए, लेकिन हंगामा करने और बिल की कॉपी फाड़कर फेंकने से कोई मसला हल नहीं होता।

इस बिल पर 14 घंटे चर्चा चली

इससे पहले बुधवार को लोकसभा में VB-G-RAM-G बिल पर 14 घंटे चर्चा हुई थी। कार्यवाही देर रात 1:35 बजे तक चली, जिसमें 98 सांसदों ने हिस्सा लिया था। विपक्ष ने मांग की कि प्रस्तावित कानून को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए। यह 20 साल पुराने MGNREG एक्ट की जगह लेगा।

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