रायपुर। छत्तीसगढ़ से एक बड़ी ख़बर है. ये ख़बर बेहद चौंकाने वाली है. ख़बर है कि शहीद वीरनारायण सिंह की भूमि सोनाखान में एक बार फिर वेदांता की टीम खुदाई करने की तैयारी कर रही है. उस इलाके में जहाँ पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार गठन के बाद यह ऐलान कर दिया था कि एक इंच ज़मीन भी इस इलाके में खुदाई के लिए नहीं दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सोनाखान प्रथम शहीद वीरनारायण की पावन भूमि है यहाँ किसी को खुदाई नहीं करने दी जाएगी. वेदांता को दी गई लीज को निरस्त किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने दो तस्वीर फेसबुक पर जारी करते हुए कहा कि वेदांता के अधिकारी बाघमरा पहुँचे थे खुदाई की तैयारियों को देखने के लिए. इससे यह लग रहा वहाँ पर वेदांता की ओर से खुदाई शुरू की जाने वाली है. अधिकारियों की टीम पहुँचने के बाद गाँव वाले भी सकते में हैं और हैरान हैं. जब मुख्यमंत्री खुद कहा कि यहाँ किसी को खनन करने दिया जाएगा तो फिर अधिकारी कैसे पहुँच गए ? माइनिंग विभाग को इसे स्पष्ट करना चाहिए कि वेदांता के अधिकारी बाघमरा क्यों गए थे, क्या वाकई खनन की तैयारी है ?


वही इलाके के आदिवासी नेता राजन ने कहा कि गाँव वाले वेदांता की टीम आने के बाद से गुस्से में हैं, तो उन्हें डर भी है. कई गाँव के लोगों से बातचीत हुई है. आखिर मसला है क्या अभी इसे और हम पुख्ता करने में लगे हैं. हम किसी भी कीमत पर सोनाखान की पावन भूमि में खनन नहीं होने देंगे. संभवतः 27 नवंबर को हम एक बड़ी बैठक कर सकते हैं. जिसमें आगे आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा हो सकती है.

आपको बता दे कि सोनाखान इलाके बाघमरा गाँव, जो कि बारनवापारा अभ्यारण्य का रिजर्व क्षेत्र में है, वहाँ वेदांता की टीम सोना को लेकर सर्वे कर चुकी है. तत्कालीन रमन सरकार ने वेदांता को सोना की माइनिंग के लिए लीज दिया था. गाँव वाले के भारी विरोध के बीच वेदांता अब तक वहाँ खुदाई नहीं कर पाई है. वहीं कांग्रेस की सरकार बनने के बाद तत्काल सीएम भूपेश बघेल ने खनन प्रकिया पर रोक लगाते हुए लीज को निरस्त करने की घोषणा की थी.