सुप्रिया पांडेय, रायपुर। नगर निगम के अधिकारी हमसे कहते हैं कि यहां सब्जी मत बेचिए, लेकिन हमें यह भी नहीं बताया जाता कि वे कहां बैठकर अपना धंधा करें. हम लगभग 10 सालों से यही काम करते हुए अपना परिवार चलाते हैं तो किसी और धंधे की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. यह पीड़ा नगर निगम के सामने बैठे धरने पर बैठे फुटकर सब्जी व्यापारियों की है, जिनके घंटों से बैठे रहने के बाद भी निगम का कोई भी अधिकारी उनसे बात करने के लिए नहीं पहुंचा.

सड़कों के किनारे सब्जी और ठेले लगाने वाले व्यापारी बताते हैं कि निगम के अधिकारियों द्वारा ठेले हटाए जाने को लेकर बदसलूकी की जाती है, और इन्हे अपने धंधे के व्यवस्था करने के लिए किसी भी तरह की मोहलत या कोई निश्चित स्थान भी नहीं बताया जाता है. सालों से ये व्यापारी सड़क किनारे ही ठेले लगाकर या सब्जी बेच कर अपना परिवार चलाते है. आपको बता दें कि व्यापारियों ने पहले भी नगर निगम का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

व्यापारियों का आरोप है कि यदि वे ठेले नहीं हटाते तो इन्हे धमकी भी दी जाती है कि सब्जियों को फेंक देंगे या मवेशियों को खिला देंगे तो वहीं कुछ के साथ सब्जी तोलने वाले तराजू छीन लिए जाते हैं. धरने पर बैठी कुछ बुजुर्ग महिलाएं कहती है कि इस उम्र में अब हमसे मजदूरी नहीं होगी हम वर्षों से सब्जी बेचते ही आ रही है, और हमें बाजार नहीं लगाने दिया जा रहा है. सभी खुदरा सब्जी व्यापारी उम्मीद लगाए हुए हैं कि निगम का कोई अधिकारी तो उनकी सुध लेगा और उनकी बात सुनेगा.