सुप्रिया पांडेय, रायपुर। सामान्यत: मानसून के दौरान सब्जियों की कीमत में कमी आती है. लेकिन इस बार स्थानीय आवक कम होने और पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की वजह से सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है.
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 70 से 80 फीसदी सब्जियां बाहर से आ रही हैं. ट्रकों के जरिए होने वाली सप्लाई में डीजल के दामों में बढ़ोतरी का असर देखने को मिल रहा है. सब्जी मंडी के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी मानते हैं कि सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. इसके पीछे बाहरी आवक को बड़ी वजह बताते हुए वे कहते हैं कि टमाटर कर्नाटक से आ रहा है, जो थोक में ही 30 से 35 रुपए किलो पड़ रहा है. इसी तरह महाराष्ट्र और नासिक से आलू और प्याज आ रहे हैं, साथ ही पश्चिम बंगाल से परवल, फूलगोभी, पत्तागोभी, हरा धनिया छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश से, मूंगा पंढरपुर महाराष्ट्र से आ रहा है.
हरी सब्जियों के भाव में भी तेजी
वहीं हरी सब्जियों की स्थानीय आवक बारिश की वजह से प्रभावित हो रही है. स्थानीय फसलों में लौकी, भिंडी, भाटा, मूली, पालक की कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. 4 दिन पहले तक लौकी, भाटा और भिंडी 4 से 6 रुपए किलो था, और आज थोक में ही 12 से 20 रुपए किलो हो गया है.
टमाटर में सबसे ज्यादा तेजी
एक हफ्ते पहले 500 रुपए कैरेट बिकने वाला टमाटर आज 900 रुपए कैरेट बिक रहा है. यानी थोक में 30 से 35 रुपए किलो बिक रहा. बैंगलोर कर्नाटक से टमाटर की आवक हो रही है, जो फिलहाल कमजोर है. डिमांड ज्यादा सप्लाई कम होने की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. डीज़ल के भाव बढ़ने के कारण भी फर्क पड़ रहा है.
थोक और चिल्हर भाव
शिमला थोक में 50 चिल्हर 80
टमाटर थोक में 30 से 35 चिल्हर 50 से 60
गोभी थोक 20 चिल्हर 40 से 50
बंधी थोक 8 चिल्हर 20
करेली थोक 40 चिल्हर 60 से 80
भाटा थोक 20 चिल्हर 30 से 40
लौकी थोक 10 से 14 चिल्हर 20
मिर्च थोक 15 चिल्हर 20 से 30
मूली थोक 20 चिल्हर 30 से 40
कुंदरू थोक 15 चिल्हर 30 से 40
कोचई थोक 20 चिल्हर 30 से 40
गाजर थोक 15 चिल्हर 30 से 40
आलू थोक 22 चिल्हर 25 से 30
प्याज थोक 8 से 12 चिल्हर 15 से 20
लहसुन थोक 60 चिल्हर 80 से 90