उत्तर प्रदेश सरकार लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. राजस्व परिषद की ओर भेजे गए प्रस्ताव के आधार पर इन अधिकारियों को वाहन भत्ता दिए जाने पर उच्च स्तर पर सहमति बन गई है. प्रस्ताव के अनुसार, लेखपालों को 1500 और राजस्व निरीक्षकों को 2000 मासिक वाहन भत्ता देने पर विचार किया जा रहा है. संबंधित शासनादेश जल्द ही जारी किए जाने की संभावना है.
प्रदेश में वर्तमान में 30,873 लेखपाल और 4,281 राजस्व निरीक्षक कार्यरत हैं, जिनका मुख्य कार्य राजस्व सर्वेक्षण और फील्ड संबंधित गतिविधियां होती हैं. लंबे समय से इन कर्मचारियों का कहना रहा है कि नाममात्र के भत्ते में कार्य करना मुश्किल होता जा रहा है. मुख्यमंत्री के समक्ष हाल ही में राजस्व परिषद ने प्रस्तुतीकरण देते हुए इनकी भूमिका और चुनौतियों को रेखांकित किया था.
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पुलिसकर्मियों में असंतोष
इसी क्रम में नायब तहसीलदारों के ग्रेड पे को भी 4200 से बढ़ाकर 4800 किए जाने की तैयारी है. परिषद के अनुसार, वर्तमान ग्रेड पे के चलते उन्हें प्रशासनिक कार्यों के निष्पादन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, दूसरी ओर पुलिस विभाग में इस प्रस्ताव के बाद असंतोष उभरने लगा है. हफ्ते में 40 से अधिक चक्कर लगाने वाले आरक्षियों और मुख्य आरक्षियों को अब भी मात्र 200 का साइकिल भत्ता दिया जा रहा है, जिससे पुलिसकर्मी अपने भत्तों की तुलना कर असंतोष जता रहे हैं.
सरकार का कहना है कि सभी विभागों की आवश्यकताओं की समीक्षा की जा रही है और संसाधनों के अनुसार संतुलन स्थापित करने की कोशिश जारी है.
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