रायपुर। व्यापम घोटाले के एक मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए दो उम्मीदवारों को सात साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मामला 2013 का है, व्यापमं द्वारा 9 जून को पुलिस विभाग के लिए आयोजित की गई निम्न श्रेणी लिपिक व शीघ्र लेखक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी.
परीक्षा के बाद 15 जून को स्कैनिंग के लिए ओएमआर शीट वाले लिफाफे खोले गए थे, उसमें दो ओएमआर शीटें कम पाई गई. लापता ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच परीक्षा नियंत्रक द्वारा किया गया. जांच के दौरान तलाशी ली गई. कालेज में तैनात सुरक्षा गार्ड के पास रखे एक बैग में इन 02 ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं की फोटोकॉपी पाई गई. सुरक्षा गार्ड से पूछताछ में उसने खुलासा किया कि बैग व्यापमं के एक कर्मचारी का था. इस बात का भी खुलासा हुआ कि ओएमआर उत्तर पुस्तिकाएं दो जूनियर कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर उन्हें हेरफेर करने और उन पर सही उत्तर विकल्प देने के उद्देश्य से चुराया गया था.
आरोपियों के पास से कचरे के ढेर में मूल ओएमआर उत्तर पुस्तिकाएं बरामद की गईं, जहां उन्होंने उन्हें छिपाया था. जिसके बाद व्यापम के अधिकारियों ने मामले की शिकायत एमपी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया था. एमपी पुलिस की जांच के दौरान, 02 लाभार्थी उम्मीदवारों तरुण उसरे और राकेश पटेल को भी आरोपी बनाया गया था. एमपी पुलिस द्वारा इन आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट 29.07.2013 को U / s 380/511, 420, 34, 120B IPC और 3/4 MPRE अधिनियम पर दायर की गई थी.
मामले की जांच में अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के बाद सीबीआई ने 25.05.2017 को नामित अदालत में पांच अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. ट्रायल कोर्ट ने दोनों आरोपी उम्मीदवारों को दोषी पाया और व्यापम के सुरक्षा गार्ड सहित तीन कर्मचारियों को बरी कर दिया है.