रायपुर- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री, प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन जयराम रमेश से उनके निवास में भेंट की. उन्होंने जयराम रमेश को जीएसटी पर अपने विचार से अवगत कराया और लिखित में अपने सुझाव दिए.

रमेश वर्ल्यानी ने जयराम रमेश को बताया कि जीएसटी पोर्टल काम नहीं कर रहा है. व्यापारी समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं. सरकार उस विलंब के लिए व्यापारियों पर पैनाल्टी लगा देती है. यानि गलती करें मोदी सरकार और पेनाल्टी भरे व्यापारी. ये सिस्टम अभी जीएसटी का है. विलंब के कंपाउंस पर व्यापारियों को टैक्स के ऊपर ब्याज देना पड़ता है. लेकिन उन व्यापारियों को यदि टैक्स इनपुट का क्रेडिट उनके खाते में जमा है उसकी छूट न दी जाकर जो ग्रास टैक्स पेयबल पर ब्याज लिया जाता है, जो कि सरासर अन्याय है.

जयराम रमेश को उन्होंने बताया कि ट्रान वन के सिस्टम को फिर से रिओपन किया जाना जरूरी है. क्योंकि पोर्टल की गड़बड़ी के चलते अनेक व्यापारियों व उद्योगपतियों के इनपुट टैक्स क्रेडिट के क्लेम अस्वीकार किए गए हैं. वही यदि कोई व्यापारी माल बेचता है तो वह प्रथम बिंदु पर ही क्रेता व्यापारी से टैक्स वसूल लेता है. लेकिन यदि विक्रेता व्यापारी टैक्स भुगतान नहीं करता और जीएसटी पोर्टल पर नहीं दिखता तो उसकी जवाबदेही भी क्रेता व्यापारी पर ही है. यह इस कानून में बहुत विचित्र बात है कि कर का भुगतान विक्रेता न करें तो उसकी सजा क्रेता व्यापारी को दी जाए. यह प्रावधान समाप्त होना चाहिए.

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इसके अलावा उन्होंने जयराम रमेश से निवेदन किया कि कांग्रेस पार्टी को जीएसटी से जुड़े इस बिंदुओं पर विशेष ध्यान देते हुए देश के व्यापारियों और उद्यगपतियों को यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद तत्काल जीएसटी के पेनाल्टिस को माफ करेंगी. ब्याज नेट लायवल्टी पर रहेगा और कांग्रेस पार्टी की सरकार एक माह के अंदर जीएसटी को सरलकृत करेगी और पारदर्शी बनाएगी ताकि व्यापारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.

सुझाव सौंपे जाने के बाद जयराम रमेश ने आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी उनकी विचार को गंभीरता पूर्वक विचार करेगी और इन सारी बातों को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी अवगत कराया जाएगा.