हरियाणा विधानसभा चुनाव में दिग्गज नेता भाजपा की टेंशन बढ़ाते नजर आ रहे हैं. हाल ही में पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने दावा कर दिया है कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया, तो वह कांग्रेस का दामन थाम लेंगे. वह राज्य की हाईप्रोफाइल सीट बादशाहपुर से टिकट की मांग कर रहे हैं.
खास बात है कि इस सीट पर वरिष्ठ नेता सुधा यादव से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पूर्व OSD समेत कई बड़े नेता दावेदारी कर रहे हैं.
नरबीर सिंह ने साफ कर दिया है कि वह इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘साल 2019 में मुझे टिकट नहीं मिला था. इस बार मैं निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव नहीं लड़ूंगा. मैदान में सिर्फ 2 ही पार्टियां हैं. तो अगर भाजपा मुझे टिकट नहीं देती है, तो मैं कांग्रेस में शामिल हो जाऊंगा.’ सिंह का दावा है कि बादशाहपुर विधानसभा सीट से वह ही जीतने वाले उम्मीदवार हैं.
पूर्व सांसद सुधा यादव विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता रहीं हैं. वह बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं. ऐसे में नरबीर सिंह को टिकट मिलने की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं. पार्टी ने अब तक टिकट का ऐलान नहीं किया है. इसके अलावा राव इंदरजीत सिंह भी बादशाहपुर और अहिरवाल के टिकट वितरण में सक्रिय नजर आ रहे हैं.
साल 2019 में हार का सामना करने वाले मनीष यादव भी टिकट की तलाश में हैं. वहीं खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव भी यहां एक्टिव हैं. इनके अलावा भाजपा के जिलाध्यक्ष कमल यादव भी दावेदारी पेश कर रहे हैं. हालांकि, जवाहर यादव साफ कर चुके हैं कि वह पार्टी की विचारधारा के साथ काम करते रहेंगे.
बादशाहपुर सीट खास क्यों
मतदाताओं की संख्या के लिहाज से भी यह राज्य की सबसे बड़ी सीट है. गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 9 सीटों में से 1 बादशाहपुर सेगमेंट में 4.5 लाख मतदाता हैं. रिपोर्ट में भाजपा के अनुमान के हवाले से बताया गया कि बादशाहपुर में करीब 1.25 लाख अहीर (यादव), 60 हजार जाट, 50 हजार अनुसूचित जाति के सदस्य, 35 हजार ब्राह्मण और 30 हजार पंजाबी हैं. साथ ही यहां राजपूत, गुज्जर और मुस्लिम वोटर भी हैं.
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