बिलासपुर- कोरोना महामारी के चलते किये गये लॉक डाउन ने न सिर्फ गरीबों के सामने भूख का संकट पैदा किया है,बल्कि शहरों में आवारा घूमने वाले जानवरों के सामने भी भूख का जबरदस्त संकट पैदा किया है.सामान्य जनजीवन की स्थिति में ऐसे जानवर अपने लिये भूख मिटाने की व्यवस्था कर लेते हैं,लेकिन लॉक डाउन ने इनके सामने भूख का गंभीर संकट पैदा कर दिया है. ऐसे बेजुबान डॉक्टरों के दर्द को समझते हुए बिलासपुर के वेटनरी डॉक्टरों की टीम ने आवारा पशुओं की भूख मिटाने के लिये अभियान छेड़ रखा है. यह टीम पिछले 15 दिनों से शहर में घूम घूम कर आवारा पशुओं को भोजन मुहै्या करा रही है.डॉक्टरों के इस अभियान की सीएम भूपेश बघेल ने तारीफ की है और इससे संबंधित तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर भी की है.

 

वेटनरी डॉक्टरों द्वारा शुरु किये गये इस अभियान को कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग भी मिल रहा है. आवारा पशुओं के लिये शुरु किये गये इस अभियान में डॉ आर के सोनवाने,डॉ आर एम त्रिपाठी,डॉ तन्मय ओत्तलवार,डॉ राज जायसवाल,राजेन्द्र लांजेवार, पराग चंद्रा, सी के जायसवाल,मुकेश तिवारी,महेंद्र कुमार शुक्ल,जयंत श्रीवास्तव,नितिन माहरोलिया,सुनील कोशले,सुरेन्द्र कार्तिक शामिल हैं, वहींस्वयंसेवी संगठन के सदस्य विजय आहूजा,बंटी,मोती थावरानी,अखिलेश गुप्ता,स्वप्निल,श्रीकांत प्रजापति,मूलचंद,सुनील तंबोली और अमित सक्रिय रुप से अभियान का हिस्सा बन रहें हैं.

खास बात ये है कि इस टीम के करीब 20 सदस्यों ने इस पूरे अभियान का खर्चा खुद उठाया है और 15 दिन से रोज सैकड़ों पशुओं को आहार मुहैया करा रहें हैं.टीम में शामिल पराग चंद्रा ने बताया कि डॉ आर.के.सोनवाने के नेतृत्व में शुरु हुए इस अभियान के तहत  15 दिनों में टीम ने 6000 से ज्यादा पशुओं को भोजन कराया है और अब हालात ये है कि आवारा पशु हमारी टीम के लोगों को पहचानने लगे हैं और जैसे ही खाद्य सामग्री लेकर हम सड़कों पर पहुंचते हैं, ये जानवर दौड़ लगाकर हमारी ओर पहुंच जाते हैं.पराग चंद्रा ने बताया कि कुम्हारपारा स्कूल में आवारा पशुओं के भोजन बनाने का काम टीम के सदस्य करते हैं.राशन,दूध और चारे की व्यवस्था टीम के सदस्य आपस में चंदा करके कर रहें हैं.जानवरों के लिये भोजन के साथ साथ ड्रम में पानी की व्यवस्था भी की जाती है.

टीम के सदस्यों ने बताया कि वे आवारा पशुओं को भोजन कराने के साथ साथ बीमार पशुओं के इलाज का कार्य भी कर रहें हैं.इसके तहत दो कुत्तों का ऑपरेशन भी किया गया है और इस दौरान कोरोना संक्रमण रोकने के सभी संभावित उपाय किये जाते रहें हैं.टीम के सदस्यों ने बताया कि इस अभियान से उन्हें आत्मिक संतुष्टि मिलती है कि एक पुण्य कार्य में वे भी सहभागी बन सके. इन्होंने दावा किया है कि लॉकडाउन का दौर जारी रहते तक उनका ये अभियान लगातार जारी रहेगा.