रायपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार को गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने टॉपर छात्रों को मेडल दिए। उनके साथ सीएम विष्णुदेव साय, राज्यपाल रामन डेका सहित अन्य अतिथि भी शामिल रहे।
समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सत्र 2022-23 के 78 एवं सत्र 2023-24 के प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 77 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 9 दानदाता पदक, 1 गुरु घासीदास पदक और 1 कुलाधिपति पदक सहित 85 पदक प्रदान किए गए। इसके साथ ही सत्र 2022-23 एवं सत्र 2023-24 के कुल 122 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। वहीं 5,859 छात्र-छात्राओं को मंच से डिग्री देने की घोषणा की गई। इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यूनिवर्सिटी कैंपस में चंदन और रुद्राक्ष का पौधा लगाया।
आप सब युवा नए भारत के राजदूत हैं – उपराष्ट्रपति
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप सब युवा नए भारत के राजदूत हैं। देश को आपको अपना शत-प्रतिशत देना होगा। कोई भी व्यक्तिगत हित राष्ट्र हित से बढ़कर नहीं है। युवाओं को अपने चारों ओर देखना होगा, सिर्फ सरकारी नौकरियां ही जीवन का लक्ष्य न हो। युवाओं के पास अब नए भारत में धरती से लेकर आकाश तक असीमित अवसर हैं।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास एकता और समानता के प्रतीक थे। हमें उनकी शिक्षाओं और संदेशों का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने युवाओं को बदलते तकनीक से तालमेल बैठते हुए कौशल एवं नवाचार के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी भी असफलता से घबराएं नहीं बल्कि उससे सीख लेते हुए आगे बढ़ें।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज बाहुल्य राज्य है। यहां समृद्धि की काफी संभावनाएं हैं, इसलिए विकास की ऐसी रणनीति बनाएं जिससे सामूहिक समृद्धि बढ़े और जन-जन का विकास संभव हो। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष में नक्सली उन्मूलन की दिशा में काफी अच्छे प्रयास हुए हैं और इन क्षेत्रों में विकास की रफ्तार भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व विकास वाले राज्य में नक्सलवाद के लिए कोई जगह नहीं है। इस समय जो विकास हो रहा है, वह समाज के हाशिये पर पड़े वर्गों, समाज के कमजोर तबके पर केंद्रित है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी जन हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों से राज्य के समग्र विकास को एक नई दिशा दी है।
देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखें – राज्यपाल
राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, एक ऐसी संस्था है जिसने लगातार छत्तीसगढ़ में शिक्षा और ज्ञान के मार्ग को रोशन किया है। राज्यपाल ने कहा कि स्वर्ण पदक और पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वालों के वर्षों के समर्पण, लगन और कड़ी मेहनत का प्रतिफल है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि विविधता का सम्मान करें और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखें।
छत्तीसगढ़ की युवा शक्ति की देश के नवनिर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका – CM साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा भारत विश्व गुरु के रूप में विख्यात रहा है, इसके पीछे नालंदा और तक्षशिला जैसे ज्ञान-विज्ञान से समृद्ध विश्वविद्यालय रहे हैं। छत्तीसगढ़ की युवा शक्ति की प्रदेश ही नहीं देश के नवनिर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह छात्र-छात्राओं के लिए केवल एक औपचारिकता मात्र नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो आत्ममंथन, बदलाव और प्रेरणा का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का एकलौता केंद्रीय विश्वविद्यालय महान संत बाबा गुरु घासीदास जी के नाम पर स्थापित है, जो ज्ञान, समावेशिता और हमारे सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के समय के ही इस विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ की बौद्धिक प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी प्रतिष्ठा केवल हमारे राज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जानते हैं शिक्षा समाज में होने वाले सकारात्मक परिवर्तनों का आधार है और इस विश्वविद्यालय ने बार-बार यह साबित किया है कि शिक्षा कैसे परिवर्तन का साधन बन सकती है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय न केवल शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की हैं, बल्कि नवाचारों के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि हर छात्र को न केवल शिक्षा मिले बल्कि एक बेहतर जीवन जीने का मौका भी मिले।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए हमने नई औद्योगिक नीति तैयार की है। इसमें छत्तीसगढ़ में निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए उद्यमियों को अनेक रियायतें प्रदान की हैं, जिससे प्रदेश में अगले 5 साल में ढाई लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और 5 लाख नए रोजगारों का सृजन होगा। आईटी सेक्टर में अवसरों को देखते हुए हमारी सरकार विशेष प्रयास कर रही है। हम नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में स्थापित करने जा रहे हैं, जहां बड़ी आईटी कंपनियां तेजी से अपने यूनिट आरंभ कर रही हैं। साथ ही बौद्धिक रूप से संपन्न छत्तीसगढ़ के युवाओं को यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में बेहतर अवसर उपलब्ध कराने हमने दिल्ली के द्वारका में संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या को 50 से बढ़ाकर 185 कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पीएससी में पारदर्शिता, शुचिता और निष्पक्षता लाने कदम उठाए। हमने युवाओं का भरोसा सिस्टम में लौटाया। वर्ष 2047 में जब देश की आजादी के 100 साल पूरे होंगे। इस अवसर के अनुरूप प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। विकसित भारत के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ का विजन भी हमने तैयार किया है और इसे हासिल करने में आप सभी युवाओं की अहम भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि आप केवल नौकरी खोजने तक सीमित न रहें। नवाचार करें और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करें। आप बेहतर भविष्य के निर्माण में योगदान दें।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने गोल्ड मेडल एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। समारोह में केंद्रीय आवासन शहरी एवं राज्यमंत्री तोखन साहू, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक धरम लाल कौशिक, विधायक धर्मजीत सिंह, सुशांत शुक्ला सहित गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल, एआईसीटी के प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, राष्ट्रीय शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रमुख डॉ. अतुल भाई कोठारी सहित शिक्षाविद, अनुसंधानकर्ता और बड़ी संख्या में विद्यार्थी-अभिभावक, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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