इंदौर- नया साल है और होल्कर स्टेडियम में इस नए साल में एक नया इतिहास भी बन गया। पहली बार विदर्भ की टीम रणजी चैंपियन बनीं। तो वहीं रणजी इतिहास में चैंपियन बनने वाली 17वीं चैंपियन टीम बन गई।
फाइनल में दिल्ली को हराया
इंदौर के होल्कर स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी का फाइनल मैच दिल्ली और विदर्भ के बीच खेला गया। जहां विदर्भ की टीम ने एकतरफा मुकाबला जीत लिया। पूरे मैच में कहीं भी नहीं लगा की दिल्ली की टीम फाइट कर रही है।
टॉस भी जीता मैच भी जीता
विदर्भ की टीम ने मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और दिल्ली की पहली ही पारी सस्ते में समेट दी। दिल्ली की टीम अपनी पहली पारी में 295 पर ही ढेर हो गई। जिसके जवाब में विदर्भ की टीम ने अपनी पहली पारी में 547 रन बनाए और पहली पारी में बड़ी बढ़त हासिल की. पहली पारी में पिछड़ने के बाद दिल्ली की टीम दूसरी पारी में भी कुछ खास नहीं कर सकी और 280 रन बनाकर आउट हो गई। पहली पारी में बढ़त के बाद विदर्भ की टीम को जीत के लिए महज 29 रन का टारगेट मिला, जिसे विदर्भ की टीम ने आसानी से मैच में 9 विकेट से बड़ी जीत दर्ज कर ली।
ये बने रिकॉर्ड
इस जीत के साथ ही इस मैच में कई रिकॉर्ड भी बने, पहला रिकॉर्ड यही है कि विदर्भ की टीम पहली बार रणजी चैंपियन बन गई। रजनीश गुरबानी ने हैट्रिक लेकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में 34 साल बाद ऐसा कमाल किया।
ये रहे फाइनल मैच के हीरो
मैच में शानदार प्रदर्शन के लिए युवा सनसनी रजनीश गुरबानी मैन ऑफ द मैच बने, गुरबानी ने पहली पारी में 6 विकेट निकाले थे, तो वहीं दूसरी पारी में 2 विकेट अपने नाम किया।
गौतम गंभीर दोनों पारियों फ्लॉप
दिल्ली की टीम से खेल रहे बड़े नाम गौतम गंभीर फाइनल में कुछ खास नहीं कर सके। पहली पारी में गंभीर ने 15 रन बनाए, दूसरी पारी में 36 रन ही बना सके।
इन्होंने ने लगाया शतक
दिल्ली की ओर से शोरी ने मैच में 145 रन की पारी खेली, पहली पारी में शोरी ने कमाल किया। तो वहीं विदर्भ की ओर से अक्षय वाडकर ने 133 रन की शतकीय पारी खेली।