पुरी. पुरी में विश्वविख्यात रथयात्रा उत्सव के गोटी पहंडी अनुष्ठान के दौरान मंगलवार को एक सेवायत के पैर फिसलने से भगवान बलभद्र की मूर्ति चरमाला पर गिर गई, जिससे विश्वभर के जगन्नाथ भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इस दौरान 12 सेवायत घायल हुए. इस हादसे के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या रथयात्रा के सुचारू संचालन के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जा रहा था. बताया जाता है कि भगवान बलभद्र की मूर्ति श्री गुडिचा मंदिर के अढ़प मंडप में ले जाते समय यह दुर्घटना हुई.

कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि हादसे में घायल हुए सेवक खतरे से बाहर हैं. उनमें से अधिकांश अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद अनुष्ठानों में भाग लेने लगे. यह किसी की गलती नहीं है. भगवान महाप्रभु जानते हैं कि ऐसा हादसा क्यों हुआ. ऐसे मामलों पर ध्यान देने के बजाय, हमें घायल सेवकों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

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घटना की समीक्षा के बाद विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि यह भगवान को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई है. कुछ सेवायत घायल हुए थे. इस बारे में रात को एक बजे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दी जा चुकी है.

दुर्घटना की जांच होगी : जिलाधिकारी

पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वाई ने कहा कि हादसे के तुरंत बाद घायल सेवायतों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की जाएगी कि ऐसा हादसा क्यों हुआ.

भविष्य के लिए सतर्कता और सुरक्षा की मांग

इस घटना ने रथयात्रा के दौरान मूर्तियों और सेवकों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अधिक सतर्कता और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है. भक्त भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.