प्रतीक चौहान. रायपुर. राजधानी के पत्रकार कॉलोनी में आज दर्जनों सरपंचों को बुलाया गया था. उन्हें ये कहा गया कि उन्हें अपने क्षेत्रों में काम करने के लिए 1-1 करोड़ रुपए सेंक्शन किए जाएंगे. इसके लिए एक मंत्री से ऊंची पहुंच का हवाला दिया गया और कहा गया कि पंचायतों को स्वीकृत करने के लिए करीब 100 करोड़ रुपए का फंड है. लेकिन सभी सरपंच इसे ठगी का नया तरीका मानकर वहां से चले गए. लेकिन ग्राम कोदवा, विकास खंड पलारी के सरपंच ने इसकी सूचना लल्लूराम डॉट कॉम को दी.

 अपने क्षेत्रों के लिए इतनी बड़ी राशि सुनकर सरपंच अपने-अपने लोगों के साथ कचना स्थित पत्रकार कॉलोनी पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद उन्हें इस राशि को स्वीकृत कराने के लिए प्लान बताया गया.
प्लान के मुताबिक उन्हें उक्त राशि के एवज में पहले 1 प्रतिशत राशि डीडी या चेक के माध्यम से पहले देनी होगी. इसके बाद दिल्ली के मदर एनजीओ से ये राशि स्वीकृत होगी.

इसके अलावा राशि तभी स्वीकृत होगी जब एक साथ 100 पंचायत राशि लेंगे, यानी एक साथ जब 100 पंचायत से अपने काम के हिसाब से 1-1 प्रतिशत संस्था के खाते में पैसे जमा कराएंगे उसके बाद ही उन्हें राशि स्वीकृत की जाएगी.

यहां आने के बाद सरपंचों को पता चला कि राशि 1 करोड़ से घटकर 30 से 49 लाख रुपए के बीच हो गई. 1 प्रतिशत की राशि उन्हें 15 महीने तक के लिए जमा करानी होगी.

हालांकि सरपंचों ने इसे ठगी का नया तरीका मानकर बिना राशि जमा कराएं अपने घर जाना बेहतर समझा और कुछ सरपंचों ने इसकी सूचना लल्लूराम डॉट कॉम को दी और निवेदन किया कि यहां चल रहे खेल को उजागर करें, जिससे अन्य सरपंच ऐसे झांसे में न आएं, हालांकि इसकी पुलिस से शिकायत करने की भी बात उन्होंने कही.

लल्लूराम डॉट कॉम के आने की सूचना मिलते ही फरार हुआ डायरेक्टर

ये पूरा खेल कचना के पत्रकार कॉलोनी स्थित एमआईजी 51 में एक किराये के मकान में चल रहा था. वहां पहले से मौजूद जय भैरव ग्रामीण सेवा संस्थान के कथित डायरेक्टर सहदेव डांडेकर फरार हो गया और आम आदमी पार्टी के नेताओ से मिलने की बात कहकर देर शाम लौटने की बात कही.

देखें वीडियो कैसे झासे में लिया जाता है सरपंचों को

https://www.youtube.com/watch?v=frtQyurpAN0
कथित एनजीओ का स्टॉफ और डायरेक्टर का भतीजा
https://youtu.be/rp3mtbWY0DY
पैसा लेने आए सरपंच और उनके साथी