राजकुमार दुबे, भानुप्रतापपुर। तहसील कार्यालय परिसर में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक शख्स नारा लगाता हुआ दौड़ते हुए आया और खुद पर कुछ उड़ेलते हुए आग लगाने की कोशिश कर रहा था। पल भर की देरी होती, तो एक ज़िंदा इंसान आग की लपटों में घिर जाता। आत्मदाह की कोशिश करने वाला व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि बीते 21 दिनों से धरने पर बैठे ट्रांसपोर्टरों में से एक था, जो प्रशासन और खदान प्रबंधन की बेरुखी से इस कदर टूट चुका था कि अपनी जान की बाज़ी लगाने को तैयार हो गया। इस घटना से पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। यह मामला कांकेर जिले भानुप्रतापपुर का है।

जानकारी के अनुसार, ग्राम कच्चे स्थित आरी डोंगरी लौह खदान से परिवहन कार्य की मांग को लेकर परिवहन संघ लगातार धरने पर बैठा है। आंदोलनकारियों की मांग है कि खदान से माल परिवहन का कार्य स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को ही दिया जाए। इस मुद्दे को लेकर अब तक दो बार जिला प्रशासन और हीरा ग्रुप प्रबंधन के साथ बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। इसी अनदेखी और लंबे इंतजार से नाराज़ होकर मंगलवार को धरना स्थल से परिवहन संघ का सदस्य श्याम शुक्ला तहसील कार्यालय पहुंचा और वहां आत्मदाह करने का प्रयास किया।

श्याम शुक्ला द्वारा आत्मदाह की तैयारी करते ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और अन्य ट्रांसपोर्टरों ने उसे रोक लिया और समय रहते आग लगाने से पहले ही उसे काबू कर लिया गया। इस घटना से तहसील परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पुलिस अधिकारी, तहसीलदार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और शुक्ला का प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।

घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक सावित्री मंडावी धरना स्थल पर पहुंचीं और श्याम शुक्ला से मुलाकात कर हालचाल जाना। साथ ही उन्होंने सभी से ऐसे आत्मघाती कदम नहीं उठाने का निवेदन भी किया। इस मामले पर प्रशासन और हड़ताल से जुड़े लोग कुछ कहने से बचते हुए दिखे।