रायपुर. एनआईए ने झीरम घाटी नक्सल घटना की जांच रिपोर्ट जारी कर विवादों का पिटारा खोल दिया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद हर पार्टी अपने अपने तरीके से उसकी व्याख्या करने में जुटी है. रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद से ही पार्टियों ने एक दूसरे पर पलटवार शुरु कर दिया है.
आरोप-प्रत्यारोप के दौर मे ताजा नाम पूर्व मंत्री विधान मिश्रा का शामिल हो गया है. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता विधान मिश्रा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए उनकी भूमिका पर सवाल उठाया. मिश्रा ने बघेल की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए उनसे कई सवाल पूछ डाले. उन्होंने कहा कि अगर बघेल के पास सबूत हैं तो चार साल से उनको क्यों नहीं सार्वजनिक किया. उन सबूतों के साथ अब तक क्या कर रहे हैं. मिश्रा ने कहा कि अगर भूपेश बघेल के पास सबूत हैं तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज और एनआईए के सामने उन्हें क्यों नहीं पेश किया. सबूत छिपाना भी अपराध की श्रेणी में आता है तो सबूत को छिपाकर वो क्या लाभ लेना चाहते हैं. बस्तर में कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा का आयोजन किया लेकिन उस यात्रा में भूपेश बघेल का शामिल न होना कई सवाल खड़े करता है. मिश्रा ने बघेल की भूमिका पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि क्या भूपेश बघेल को झीरम घटना की पहले से जानकारी थी. उन्होंने इसके साथ ही कांग्रेस के नेता विद्याचरण शुक्ला के नाम पर आयुष विश्वविद्यालय का नाम रखने की मांग की.
विधान मिश्रा के इन आऱोपों के बाद ऐसा लगता है कि राज्य की राजनीति में आरोपों औऱ प्रत्यारोपों का नया दौर फिर से शुरु हो जाएगा. फिलहाल सबकी नजरें अब भूपेश बघेल पर टिकी हैं. देखना है विधान मिश्रा के आरोपों पर भूपेश बघेल क्या जवाब देते हैं.