शिखिल ब्यौहार। चौंकिएगा मत, लेकिन बिहार सरकार की अब मध्यप्रदेश में एंट्री हुई है। बिहार सरकार ने एमपी में आदेश जारी कर बिहार फाउंडेशन के भोपाल चैप्टर की घोषणा कर पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। चार महानगरों समेत प्रदेश के उन सभी शहरों में चैप्टर स्थापित होंगे। जहां बिहार के रहवासियों की संख्या अधिक है। यह कवायद भी बिहार विधानसभा के नजदीकी वक्त में हुई। लिहाजा मामले को लेकर सियासी पारा भी चढ़ गया है। मामला फाउंडेशन के उद्देश्य और कार्यों को लेकर है। आइए बताते हैं आपको एमपी में बिहार का सियासी तड़का आखिर कैसे और क्यों लगा…
बिहार में चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं। बिहार चुनाव की तैयारियों की झलक मध्यप्रदेश में भी नज़र आ रही है। कारण है मध्यप्रदेश में करीब 40 लाख उन लोगों की आबादी है जिनका सीधा संपर्क बिहार से हैं। बिहार की लिट्टी चोखा वाली सियासत में यादवों के वर्चस्व किसी से छिपा नहीं है, तो दूसरी ओर मध्यप्रदेश मुखिया डॉक्टर मोहन यादव भी यदुवंशी। बिहार से एमपी के चुनावी कलेक्शन का पहला जोड़ सिर्फ बिहार फाउंडेशन नहीं है बल्कि इससे पहले भी कई कवायद हो चुकी है।
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इसकी बड़ी झलक तब दिखी जब बीती 22 मार्च को बिहार स्थापना मध्यप्रदेश में जोर शोर से मनाया गया। छठ पूजा को लेकर भी विशेष तैयारी की गईं थी। दूसरी बड़ी बात यह भी है कि बिहार फाउंडेशन बिहार बीजेपी और जेडीयू गठबंधन का उपक्रम ही है। फाउंडेशन के उद्देश्यों में यह भी शामिल है, इसमें बताया गया है कि डेटा, परियोजनाओं और सूचनाओं के प्रलेखन, रखरखाव और आपूर्ति के लिए सहायता केंद्रों को स्थापित एवं विकसित करना, जो कि सरकार, लाभार्थियों, समर्थकों, योगदानकर्ताओं और अन्य हितधारकों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
आइए बताते हैं आपको फाउंडेशन के उद्देश्य
- राज्य के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु सभी हितधारकों के बीच की कड़ी को मजबूत एवं नवीनीकृत करना। इसका क्रियान्वयन राज्य के त्वरित आर्थिक विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के माध्यम से किया जाए जिनमें समेकित ग्रामीण विकास, गरीबी उन्मूलन, कमजोर वर्गो का उत्थान, चिकित्सीय प्रावधान, शिक्षा, प्रशिक्षण, सांस्कृतिक, खेल व मनोरंजन के साधन, शोध एवं विकास का प्रोत्साहन शामिल है।
- बिहार राज्य के विकास एवं यहां के लोगों के कल्याण में प्रवासी बिहारियों की भागीदारी को सुनिश्चित करना।
- देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले बिहारियों की भलाई को बढ़ावा देना।
- अप्रवासी बिहारियों और बिहार राज्य एवं इसके विभिन्न एजेंसियों के बीच निरंतर संचार तथा परस्पर संवाद की प्रक्रिया को सुविधाजनक और मंच उपलब्ध करवाना।
- बिहार के मानवीय, सामाजिक और आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए सभी संभव कदम उठाना।
- सभी हितधारकों और लाभार्थियों के लाभार्थी प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और जानकारी का आयोजन करना।
- बिहार फाउंडेशन के उद्देश्यों से प्रासंगिक पुस्तकालयों, संदर्भ एवं सूचना केंद्रों, प्रदर्शन एवं प्रचार केंद्रों सहित सामान्य सेवा केंद्रों को स्थापित करना।
- प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा अन्य उपयुक्त मीडिया, में साहित्य, सामग्री-पत्र, केस स्टडी, रिपोर्ट, ब्रोशर, पैम्फलेट, पत्रिका, डाइजेस्ट, प्रोजेक्ट प्रोफाइल या पत्रिकाओं इत्यादि का प्रकाशन करना और इन्हें संभावित समर्थकों, लाभार्थियों, निकायों और संस्थानों को उपलब्ध कराना तथा ऐसी गतिविधियों में लगे अन्य संस्थानों की सहायता करना।
- डेटा, परियोजनाओं और सूचनाओं के प्रलेखन, रखरखाव और आपूर्ति के लिए सहायता केंद्रों को स्थापित एवं विकसित करना, जो कि सरकार, लाभार्थियों, समर्थकों, योगदानकर्ताओं और अन्य हितधारकों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
- बिहार राज्य के आर्थिक उत्थान और सामाजिक विकास में लगे सभी संस्थानों के विकासात्मक और प्रचार गतिविधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए इन्हें सहायता प्रदान करना।
- बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास और इसके लोगों के कल्याण के लिए कार्यालयों, केंद्रों, काउंटरों, रेस्ट हाउसेस, कॉन्फ्रेंस हॉल की जहां तक संभव हों स्थापना, रखरखाव या प्रबंधन करना।
- राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास की रूपरेखा मे सुधार हेतु नीतियों और योजनाओं के लिए सरकार को इनपुट और सुझाव देना तथा इन उद्देश्यों के प्राप्ति हेतु आवश्यक राशि एवं निधि का बंदोबस्त करना।
- राज्य में सामाजिक संरचना का आकलन करना और उसमें मौजूद खामियों को पूरा करना।
- बिहार फाउंडेशन की शासी निकाय, राज्य सरकार के अनुमोदनोपरांत अपनी स्व अधिकार का प्रयोग करते हुए वर्तमान अथवा भविष्य में, बिहार फाउन्डेशन के किसी भी उद्देश्य के प्राप्ति हेतु समय-समय पर गिरवी या बिना गिरवी के पैसे जुटाने या उधार लेने का कार्य करना।
- बिहार फाउंडेशन के सभी या किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यथासंभव आवश्यक, आकस्मिक या अनुकूल कार्य को अंजाम देना।
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जहां-जहां बिहारी और भोजपुरी समाज वहां-वहां होगी स्थापना- फाउंडेशन
बिहार फाउडेंशन भोपाल चेप्टर के उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने बताया कि भोपाल के साथ उन सभी स्थानों पर बिहार सरकार के सहयोग से स्थापना की जाएगी जहां बिहारी और भोजपुरी समाज के लोग रहते हैं। पहले जबलपुर और इंदौर फिर अन्य शहरों में स्थापना होगी। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार के जरिए कई प्रकार की मदद कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की जाएंगी। गरीबों से लेकर पूंजीपतियों के लिए उद्देश्य निर्धारित हैं।
चुनाव जीतने के लिए प्रपंच कर रही दोनों प्रदेश की सरकार- कांग्रेस
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव कुणाल चौधरी ने बिहार फाउंडेशन की मध्यप्रदेश में एंट्री पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक तरीका है बिहार में चुनावी प्रपंच का। पूरे देश में जिन प्रदेशों में बीजेपी की सरकार है वहां प्रचार, प्रसार और भ्रष्टाचार के अलावा कुछ और नहीं होता। बिहार की सरकार इस फाउंडेशन के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा चुनावी फायदे के लिए मध्यप्रदेश में खर्च करेगी। जबकि मध्यप्रदेश समेत बिहार में बेरोजगारी के चलते पलायन की स्थिति बनी हुई है। यह सिर्फ चुनावी पैंतरा है, जिस पर चुनाव आयोग को एक्शन लेना चाहिए।
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बीजेपी ने कहा- दो राज्यों के बीच समन्वय तो कांग्रेस को क्या दिक्कत
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की जमीन न बिहार में बची न मध्यप्रदेश में अस्तित्व। बिहार में एनडीए की सरकार प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी की नीति में सभी संप्रदाय और सभी राज्यों की संस्कृति का सम्मान होता है। यही बिहार और मध्यप्रदेश के बीच में भी हो रहा है। इससे कांग्रेस को क्या दिक्कत है। दावा इस बात का भी किया कि बिहार की चुनावी भूमिका में मध्यप्रदेश के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी निश्चित तौर पर जाएंगे।
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