रायपुर- एससी-एसटी वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण की समयसीमा दस साल बढ़ाए जाने के संशोधन प्रस्ताव का छत्तीसगढ़ विधानसभा ने समर्थन किया है. केंद्र सरकार ने संसद में 126 वां संविधान संशोधन पेश किया था. संसद से पारित होने के संविधान संशोधन के लिए देश की पचास फीसदी राज्यों से इसका अनुसमर्थन किया जाना है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में संविधान संशोधन के अनुसमर्थन के लिए बुलाए गए विशेष सत्र में करीब दो घंटे की चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किया गया.
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संसद में यह विधेयक पारित किया जा चुका है, लिहाजा परिस्थिति बदलने की वजह से हमे विशेष सत्र बुलाए जाने की जरूरत पड़ी है. सदन में आज आरक्षण को लेकर काफी चर्चा हुई है. आज समझना होगा कि सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में देने से बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा है. अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लिए अवसर घटने लगा है. यह दुर्भाग्यजनक है, जो लोग आरक्षण का विरोध कर रहे थे, आज वही समर्थन की बात कर रहे हैं.
भूपेश बघेल ने कहा कि यह किस मुंह से संविधान संशोधन की प्रशंसा कर रहे हैं. पिछली बार सत्र में हमने कहा था कि अगर आप गांधी जी की प्रशंसा कर रहे हैं, तो स्वागत है, लेकिन गोडसे मुर्दाबाद भी कहना चाहिए. यह कानून था इसलिए पारित किया गया. लेकिन यह भी चिंता की बात है कि सार्वजनिक उपक्रम को निजी हाथों में देने की बात हो रही है.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का प्रस्ताव को समर्थन करते हुए कहा कि सर्वसम्मति से इसे पारित करना हमारा ध्येय है. सभी में समानता का भाव लाना है, समानता का अनुभव कराना है. ऐसे लोगों को समर्थन में लाने अलग से प्रावधान करके उन्हें उनके लिए व्यवस्था की जाए आरक्षण का मुख्य उद्देश्य है. आज सरगुजा हो या बस्तर वनवासी अंचल के बच्चों को लाभ देने और आर्थिक रूप से विकसित करने साढ़े 15 साल कार्य बीजेपी ने किया है. आगामी 10 वर्ष के लिए यदि आरक्षण बढ़ाई जा रही है. इनके लिए यदि बेहतर काम किया जाए आगामी समय में इन्हें आरक्षण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. वह पद जो ऐसे जनजाति के लिए खाली है, उन पदों को भरने की आवश्यकता है.
इसके पहले अनुसमर्थन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए धर्मजीत सिंह ने कहा कि ये सदियों से वंचित पीड़ित का मामला है. राज्य का 65 प्रतिशत एससी-एसटी प्रभावित है. आरक्षण देने से इस वर्ग का भला हो जाएगा, ये मानना धोखा है. इसे क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सरकार की है. वनांचल के गरीब आदिवासियों का जीवन स्तर अच्छा नहीं है. पीने का पानी, मलेरिया और डायरिया से वो मौत के मुंह मे चले जाते हैं. बैगा के यहां नलकूप नहीं लगाए जा सकते.
उन्होंने कहा कि चंदली गांव की अनुसूचित जाति की बच्चा गायब है.अगर वो दिल्ली में होगी तो क्या होगा. उस बच्ची का पता कौन लगाएगा. धान खरीदी नवागांव कोटवार धान को लेकर जा रहा था, जब्ती बना लिया, जो अनुसूचित जाति का व्यक्ति है. यही आरक्षण है? उनका पहला और आखिरी अधिकार भी है.
अजय चंद्राकर ने कहा कि 126वें संविधान संशोधन पर असहमत नहीं हैं. जो विषय सहमति का है, जिसमे संकल्प पर सहमति होनी चाहिए. आप राजनीतिक बात है, उसका राजनीतिक बात होती है तो आप सुन नहीं पाते है. अनुसूचित जाति का 13 प्रतिशत कब से हो रहा है. एडवांस में धन्यवाद हो गया. आरक्षण का संबंध नौकरियों से जोड़ा जाता है. आरक्षण केवल नौकरी के लिए उसके सामाजिक न्याय के लिए होना चाहिए. आज आदिवासी या अनुसूचित जाति का हर व्यक्ति अजीत जोगी बने जो अनारक्षित वर्ग से चुन कर आये. कितने पद खाली है, उन्हें कब तक भरा जाएगा.
चंद्राकर ने कहा कि अफवाह उड़ाई गई कि फलां संस्था आरक्षण की विरोधी है. उसी संस्था से निकले व्यक्ति रविशंकर ने कहा अगर कोई क्रीमीलेयर की बात करता है तो अपराध करता है. अमरजीत भगत ने कहा कि आरक्षण कांग्रेस ने लागू किया. अजय चंद्रकार ने कहा कि चुनौती देता हूं कि संविधान सभा में किस कांग्रेस नेता ने आरक्षण के पक्ष में बोला यह पटल पर रखा जाए. कांग्रेस विधायकों का हो हल्ला शुरू हो गया. इस पर चंद्राकर ने कहा कि जब ये बात करते हैं कि किसी पार्टी का इसमे योगदान है तो इसका अध्ययन करा लीजिये.
देवव्रत सिंह ने कहा कि आरक्षण हमारे देश में सामाजिक समता के लिए बढ़िया व्यवस्था है. कई देशों में इसे लेकर लोग मारे जा रहे हैं. आरक्षण की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सोचना होगा. प्राइवेट संस्थाओं में आरक्षण लागू करने पर सोचना होगा. क्या कारण है यहां एससी-एसटी को बराबरी नहीं मिल पाती. बिग बाजार में दो – तीन हजार लोग काम करते हैं, लेकिन आरक्षण नहीं है. छत्तीसगढ़ पहला राज्य बन सकता हैं, जहां आरक्षण निजी क्षेत्र में लागू किया जा सकता है. आने वाले सत्र में इसकी व्यवस्था की जा सकती है.
मोहम्मद अकबर ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आपकी (भाजपा) सरकार में किसी आदिवासी के पास आधा एकड़ जमीन बेचने की अनुमति अधिकारी ने दे दी, यह कह कर कि वो आदिवासी जमीन बेचने के बाद मजदूरी करेगा. इसी विधानसभा में आपने टाटा के बारे में कहा कि आपने 5 हजार जमीन ले लिए था. कांग्रेस की सरकार ने जमीन वापस कर दिया.