रुपेश गुप्ता, रायपुर। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आयकर छापे पर राज्यपाल को ज्ञापन देने पर सदन में आपत्ति जताई. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि “ये घोषित करे कि ये आयकर को राज्य में प्रतिबंधित करेंगे. प्रशासन रसातल में चला गया है ”

चंद्रकर ने सरकार के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि ओम शांति शांति बोल रहे हैं प्रदेश के लोग, असतो म सद्गमय… लेकिन इस सरकार की टैग लाइन सत्य से असत्य की ओर चलें.. उजाले से अंधकार की ओर चलें.. मध्य युग में ले जाना चाहते हैं. उन्होंने सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की टैग लाइन “नरवा गरवा घुरवा बारी, छत्तीसगढ़ के ये ही चार चिन्हारी” पर तंज कसते हुए कहा, “नरवा गरवा घुरवा बारी, पी के मस्त रहो संगवारी.”

अजय चंद्राकर ने कहा कि 9429 करोड़ का घाटा है, राजस्व घाटा की पूर्ति कैसे करेंगें. 2431 करोड़ का आधिक्य होगा, ये पुनरीक्षित अनुमान में सामने आएगा. राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है. अजय चंद्राकर ने पुनरीक्षित अनुमान को लेकर अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की.

“गडबो छत्तीसगढ़ या बोरबो छत्तीसगढ़”, बजट भाषण में वो बाते नहीं रखनी चाहिए जिसका बजटीय प्रावधान न हो.  मनरेगा के कामो में गौठान नहीं, वे केटल शेड हैं. 1900 मनरेगा से बनाये तो राजकीय कोष का दुरुपयोग.

रविन्द्र चौबे ने कहा कि क्या विकास यात्रा में मनरेगा का खर्च किया जा सकता है. अजय चंद्राकर ने कहा कि इसकी जांच कराए लिजियेगा, एसआईटी बना लीजिए. अमृत मिशन की 130 परियोजनायें पीछे चल रही है.