रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के भाषण के दौरान कांग्रेस सदस्य देवेंद्र यादव और शैलेष पांडेय की टिप्पणी को लेकर सदन गरमा उठा. विपक्षी सदस्यों ने दोनों विधायकों की टिप्पणी पर गहरी नाराजगी जताई. सदस्यों की नाराजगी को देखते हुए संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने खेद व्यक्त किया.

दरअसल धान खरीदी पर जब नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अपनी बात रखनी शुरू की, तब देवेंद्र यादव ने टिप्पणी की. बीजेपी ने देवेन्द्र यादव के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि आसंदी की ओर से निंदा होनी चाहिए. बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया गया कि सरकार के संरक्षण में नए सदस्य ऐसे आपत्तिजनक टिप्पणी का इस्तेमाल कर रहे हैं. अजय चन्द्राकर ने कहा कि यदि ये नई परंपरा बनाने की कोशिश की जा रही है तो नए सिरे से संसदीय शब्दावली बना दी जाए.

जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने नए सदस्यों के आचरण पर टिप्पणी की जिस पर देवेंद्र यादव ने उन्हें कहा कि बीजेपी की बी टीम बनकर काम नहीं करें, किसानों के मुद्दे पर बात रखें. इस पर धर्मजीत सिंह ने कहा कि अक्ल है तो अध्यक्ष से बात कीजिये. मुझसे नहीं.

सदस्यों की टिप्पणी पर विपक्ष ने गहरी आपत्ति जताते हुए यह मांग की कि ऐसे सदस्य खेद जताए. धरमलाल कौशिक ने कहा कि गुंडागर्दी जैसे शब्दों का यदि इस्तेमाल किया जाए और उस पर भी खेद ना हो, तो ये उचित नहीं है. कौशिक ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर दुखी हूं.

जिसके बाद संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि सदन हमको और आपको मिलकर चलाना है. नेता प्रतिपक्ष भी जब स्पीकर थे, तब ऐसे हालात बने थे, तब आपने कहा था कि सदस्य की ओर से मैं खेद व्यक्त करता हूँ. आज संसदीय कार्यमंत्री की हैसियत से मैं खेद व्यक्त करता हूँ.