रायपुर. विधानसभा के बजट सत्र के पांचवे दिन बजट अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों की चर्चा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि सिरपुर में संग्रहालय क्यों नही बन पाया. दिमाग केवल नरवा, गरुवा में लगा है. लोककलाएं लुप्त हो रही हैं. कोई अध्ययन नहीं कैसे बचेगा. छत्तीगढ़ के लोग छत्तीगढ़ के बारे में नहीं जानते. कई प्रचार-प्रसार सेंटर बंद कर दिए.

चंद्राकर ने कहा कि बस्तर के घोटुल पश्चिम सभ्यता के लिव इन रिलेशन से आगे है. लोकशिल्प कलाओं के लिए अकादमी बननी चाहिए. दुर्भाग्य से मैं नहीं कर पाया. पुरखौती में टिकट का लफड़ा न फंसे. पर्यटन केंद्रों को बंद करने पर आपत्ति जताई. बाहर के लोगों का आदान-प्रदान किया. क्या बन्द कर दें. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने महोत्सव स्थापित करने की कवायद की थी. पर्यटन में 6900 करोड़ राशि बर्षो से फिक्स है. समाजशास्त्रियों ने जितना छत्तीसगढ़ के लिए लिखा उतना किसी के लिए नहीं लिखा. प्रचार-प्रसार के जितने सेंटर थे इन्होंने बंद कर दिए. लोककला में हर 100 किलोमीटर में नृत्य है.

बयान पर मच गया बवाल

अपने बजट भाषण के दौरान अजय चंद्राकर ने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र की हैसियत से बोल रहा हूं. इस पर जब उन्हें मोहन मरकाम ने टोका तो उन्होंने कहा कि जो छत्तीसगढ़ के नहीं हैं, वे चले जाएं. इस पर बृहस्पति सिंह भड़क गए और कहा कि अब आप प्रमाण पत्र देंगे. वहीं मंत्री उमेश पटेल कहा कि इनका पूरा भाषण ऐसा लग रहा है जैसे हम 15 सालो से सरकार में है, और इनकी बातें नहीं सुन रहे. बस्तर जैसी जगह दुनिया का प्रतिनिधित्व कर सकती है. घोटुल जिसको आप लिव इन रिलेशन बोलते हैं, सदियों से छत्तीसगढ़ में था. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ध्येय कांक्रीट जंगल बनाना नहीं है.