रायपुर- विधानसभा के बजट सत्र में आज एक अनोखा वाक्या देखने को मिला,जब विभागीय तैयारी नहीं होने का हवाला देते हुए अनुदान मांगों पर चर्चा की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई और इस कारण से सदन की कार्यवाही ही कल तक के लिये स्थगित कर दी गई. विधानसभा द्वारा निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के बजट अनुदान मांग पर चर्चा होनी थी,लेकिन विभागीय मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि विभाग की तैयारी नहीं है,इसलिये चर्चा के लिए आगे की तारीख तय कर दी जाए.
सरकार के इस रवैये की विपक्ष ने जमकर आलोचना की है और इसे गंभीर त्रुटि बताया है.पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि 1990 से विधानसभा के इतिहास में यह पहली घटना है. यह गंभीर चूक है.सरकार की सोच बताती है कि सरकार के अधिकारी किस दिशा में सोच रहे हैं. डॉ रमन ने कहा कि विभाग के बजट के लिए तारीख तय हो गया. विधायकों को प्रतिवेदन नहीं दिया गया. बगैर इसके चर्चा कैसे होगी. पूर्व सीएम ने कहा कि पहली बार यह चूक हुई है. सरकार की शुरुआत के लक्ष्य दिख रहे हैं. यह घटना सरकार का अपने काम के प्रति लापरवाही बता रही है.
जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ . नियमानुसार विधायकों को विभागीय प्रतिवेदन पहले ही दे दिया जाता है.
विपक्ष के इन आरोपों पर मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि प्रतिवेदन छपकर पहुँचने में विलंब हुआ. हम चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन विपक्ष के सदस्यों का कहना था कि हमे चर्चा के लिए थोड़ा और वक़्त चाहिए. 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी विपक्ष के सदस्यों को तैयारी के लिए और समय चाहिए था. सिंहदेव ने कहा कि मेरी अजय चंद्राकर से व्यक्तिगत चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा कि हमे और वक़्त चाहिए. विपक्ष का कहना था कि हमने पूरा प्रतिवेदन नहीं पढ़ा है. इसे पढ़ने के लिए और समय चाहिए. सिंहदेव ने कहा कि सरकार की पूरी तैयार थी और कल रात ही हमने सभी विधायकों को प्रतिवेदन भिजवा दिया था.