बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक है. 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है. साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी. यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है. प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का बहीखाता (vidhayak ji ka bahikhata) देगा. लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी 90 विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है. इसकी शुरुआत बिलासपुर जिले में भाजपा का मजबूत किला माने जाने वाले बेलतरा विधानसभा से करते हैं…
विधानसभा सीट का इतिहास
बता दें कि बेलतरा से पहले सीपत विधानसभा हुआ करता था. 2008 में परिसीमन के बाद सीपत की जगह बेलतरा विधानसभा सीट का गठन हुआ. सीपत विधानसभा पर तब बसपा का कब्जा था. बसपा के रामेश्वर खरे यहां से विधायक थे. बसपा से पहले सीपत कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था. साल 2003 के बाद से बेलतरा विधानसभा बीजेपी के कब्जे में है. भाजपा के वरिष्ठ नेता बद्रीधर दीवान यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. उनके बाद अब भाजपा के ही रजनीश सिंह यहां से विधायक हैं.
आंकड़ों पर एक नजर…
बेलतरा विधानसभा शहरी और ग्रामीण अंचल को मिलाकर बना है. पिछले चुनावों पर नजर डालें, तो 2018 में 2,11,408 मतदाताओं वाले इस सीट में बीजेपी से रजनीश सिंह और कांग्रेस से राजेंद्र साहू, तो जोगी कांग्रेस से अनिल टाह मैदान में थे. बीजेपी के रजनीश सिंह ने कांग्रेस के राजेंद्र साहू को 6 हजार 259 मतों के अंतर से हराया था.
वोट की बात करें तो, 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रजनीश सिंह को 49 हजार 601 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू को 43 हजार 342 वोट और जोगी कांग्रेस के अनिल टाह को 38 हजार 308 वोट मिले थे.
क्षेत्र की मुख्य समस्या
क्षेत्र में सड़क और नाली की समस्या है. ग्रामीण इलाके में कई जगह की सड़कें खराब हैं. किसानों को सिंचाई के लिए पानी की समस्या है. कई किसान मवेशियों से परेशान हैं.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र
वर्तमान में बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के ज्यादातर शहरी इलाके बिलासपुर नगर निगम में शामिल हो गए हैं. जिसके बाद बेलतरा विधानसभा में बिलासपुर शहर के मंगला, मोपका, चांटीडीह, लिंगियाडीह, बहतराई, खमतराई कोनी, सेंदरी, बिरकोना जैसे बड़े शहरी इलाके जुड़े हैं. गांवों की बात करें तो बेलतरा में रानीगांव, सेमरताल, पौंसरा, लखराम, रमतला जैसे ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं.
जातीय समीकरण
वोटों के बटवारे पर नजर डालें तो बेलतरा विधानसभा में ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. जिसमें कुर्मी, साहू, यादव वोटरों की संख्या अधिक है. वहीं जनरल कास्ट में ब्राह्मण वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है.
विधायक की बात
क्षेत्र के विधायक रजनीश सिंह का कहना है कि राज्य सरकार के पास किसी भी विभाग के लिए पैसा नहीं था. इसके बाद भी केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से मुलभूत काम कराए गए हैं. जिसमें क्षेत्र में पीएमजीएसवाय के तहत 8 रोड 40 करोड़ की लागत से बनाई गई है.
विपक्ष का आरोप
2018 में रजनीश सिंह के प्रतिद्वंदी रहे राजेन्द्र साहू का कहना है कि साढ़े चार साल में आज तक यहां के विधायक दिखे नहीं है. लोग लगातार मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. आज प्रदेश में कांग्रेस का शासन है, लोग संतुष्ट हैं.
क्या कहती है जनता ?
विधायक के परफॉमेंस को लेकर जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही है. किसी को अपने विधायक से काफी शिकायत है. क्षेत्र के लोग सड़क, पानी, बिजली और मवेशियों की समस्या से परेशान हैं. तो वहीं कुछ का कहना है कि बहुत हद तक काम हुए हैं. यहां स्थानीय लोगों का कहना है कि विधायक चेहरा तक दिखाने नहीं आते. बेलतरा में कुछ लोग विधायक को खोंज रहे हैं, तो कुछ लोग विकास ढूंढ रहे हैं. वहीं कई लोग विधायक के काम से संतुष्ट हैं.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक