संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के जतरापुरा में पीएम आवास बनाने के लिए साल 2016 में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके बाद साल 2017 से इसका काम चालू हो गया था। अगस्त 2018 में ईडब्ल्यूएस कोटे के 648 और 256 एलआईजी आवासों का निर्माण कार्य पूरा होना था। 18 महीने की डेड लाइन इसके लिए तय की गई थी, लेकिन नगरपालिका ने यह तय करने में ही 9 महीने लगा दिए कि इसमें लाल ईंट लगाई जाए या फ्लाई ऐश से निर्मित ईंट लगाई जाए।
इतना ही नहीं 7 साल बाद भी नगरपालिका अभी तक 648 हितग्राहियों की सूची तक तैयार नहीं कर सकी है। आनन-फानन में जब पिछले साल धनतेरस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ आवासों का वर्चुअल लोकार्पण करना था तो प्रशासन ने ठेकेदार पर दबाव डालकर 85 आवास पूर्ण करवा लिए थे। लेकिन अभी तक वहां बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है।
पीएम आवास योजना करीब 71 करोड़ रुपए की है। इसमें से अधिकतर आवासों का बेसिक स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है, लेकिन फिनिशिंग का काम अधूरा है। रोड, बिजली और पानी की सुविधा तक नहीं है। नगरपालिका अब ठेका कंपनी पर दबाव डालकर ये काम करवाना चाहती है। कांट्रेक्टर धनंजय सिंह चौहान का कहना है कि ठेकेदार फर्म की शर्तों में यह काम शामिल नहीं था। इसके बाद भी दबाव डाला जा रहा है। 7 करोड़ का भुगतान भी रोक दिया है।
नए आवास तैयार करवाने में नगरपालिका की रुचि नहीं
पीएम आवास तैयार करवाने में नगरपालिका प्रशासन की कोई रुचि नहीं है। यही कारण है कि जो 85 आवास तैयार हुए हैं उनमें बिजली, पानी और सड़क की सुविधा देने की बात तो करती है, लेकिन बाकी हितग्राहियों के लिए आवास पूर्ण करवाने में कोई रुचि नहीं ले रही है। यहां तक कि नगरपालिका अभी 648 हितग्राहियों की फाइनल सूची तक तैयार नहीं कर सकी है। सांसद प्रतिनिधि राकेश शर्मा का कहना है कि काम नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी। फिल्टर प्लांट के पास प्रधानमंत्री आवास अभी तक अधूरे पड़े हैं।
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