भुवनेश्वर. ओडिशा सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को नई रणनीति के साथ और तेज कर दिया है. हाल के दिनों में विभाग ने लगातार छापेमारी की है, खासकर उन वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाया है जो सेवानिवृत्ति के करीब हैं या ठीक उसी दिन रिटायर हो रहे हैं. इस रणनीतिक बदलाव ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नया अध्याय शुरू किया है.

सतर्कता निदेशक यशवंत जेठवा ने शनिवार को पुष्टि की कि विभाग ने अपनी रणनीति में व्यापक बदलाव किया है. अब लक्षित खुफिया जानकारी, छापेमारी से पहले निगरानी, और रीयल-टाइम संपत्ति सत्यापन पर जोर दिया जा रहा है. इस नई रणनीति ने कार्रवाइयों की दक्षता और समयबद्धता को काफी बढ़ा दिया है. जेठवा ने कहा, “हमारी प्राथमिकता दक्षता बढ़ाना, तकनीक का उपयोग, अनुपातहीन संपत्तियों का पता लगाना और डिजिटल फुटप्रिंट्स की निगरानी करना है. ओडिशा सरकार का हमें इस मामले में पूरा समर्थन प्राप्त है.”
हाल ही में ग्रामीण कार्य (RW) विभाग के मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी को सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले अनुपातहीन संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया. उनके पास 2.56 करोड़ रुपये नकद, दो बहुमंजिला इमारतें, दो फ्लैट, सात उच्च मूल्य वाले भूखंड, 1.5 करोड़ रुपये की बैंक जमा, 2.7 करोड़ रुपये के शेयर और म्यूचुअल फंड निवेश, 1.141 किलो सोना, और 15 महंगी आयातित घड़ियां बरामद की गईं. इस कार्रवाई ने यह संदेश दिया कि सेवानिवृत्ति भ्रष्टाचार की जवाबदेही से बचाव नहीं है.
जेठवा ने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विभाग का लक्ष्य सार्वजनिक प्रशासन में पारदर्शिता और विश्वास बहाल करना है. उन्होंने संकेत दिया कि बड़े पैमाने पर सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और कल्याणकारी कोष से जुड़े विभागों में ऐसी और कार्रवाइयां होने वाली हैं. सतर्कता विभाग ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कानूनी विशेषज्ञों, और साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति को मंजूरी दी है ताकि भौतिक, बेनामी, या डिजिटल माध्यमों में छिपाई गई संपत्तियों का पता लगाया जा सके.
क्यों निशाने पर हैं इंजीनियर्स?
सतर्कता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग उन पदों, परियोजनाओं, और क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहा है जहां सरकारी धनराशि या लेनदेन की मात्रा अधिक है और भ्रष्टाचार की संभावना ज्यादा है. ओडिशा सतर्कता विभाग की सजा दर सामान्य मामलों में 50% और अनुपातहीन संपत्ति के मामलों में 80% है, जो इसे देश में सर्वश्रेष्ठ बनाता है. पिछले साल विभाग ने 213 मामले दर्ज किए, जिनमें 60 अनुपातहीन संपत्ति के मामले शामिल हैं, और कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.
सरकार का समर्थन, कोई दबाव नहीं
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि सतर्कता विभाग को अपनी जिम्मेदारियां पूरी स्वतंत्रता के साथ निभाने की छूट है. ओडिशा सरकार ने विभाग को नवाचार और तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है और एक उन्नत फोरेंसिक साइंस यूनिट स्थापित करने की मंजूरी दी है.