ओडिशा सतर्कता विभाग ने 4 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी धनराशि के गबन के आरोप में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया. आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर इस घोटाले को अंजाम दिया.

भुवनेश्वर.  ओडिशा सतर्कता विभाग ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें कोरापुट जिले के जेयपुर में तैनात सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी (ACTO) अभिनाश प्रधान, और दो व्यापारी सत्यकी पटनायक और दीप्तिकांत चौधरी शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, सीटी और जीएसटी आयुक्तालय, भुवनेश्वर ने ऑडिट के दौरान इस घोटाले का पता लगाया और सतर्कता विभाग को इसकी जानकारी दी.

जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर, जीई वेरोना टीएंडडी लिमिटेड (पूर्व में जीई टीएंडडी इंडिया लिमिटेड) नामक फर्म के नाम पर फर्जी दस्तावेज और नकली हस्ताक्षर और सील का उपयोग कर 4,03,09,723 रुपये का गबन किया.

सतर्कता विभाग ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता और पीसी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. गुरुवार को आरोपियों को भुवनेश्वर और ढेंकानाल जिलों से गिरफ्तार किया गया और विशेष सतर्कता न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सतर्कता विभाग ने पिछले पांच महीनों (1 जून 2024 से 31 अक्टूबर 2024) के दौरान 90 मामले दर्ज किए हैं. इनमें से 20 मामले राजस्व विभाग के अधिकारियों के खिलाफ हैं, जबकि पंचायत राज विभाग के 18 अधिकारियों को भी सतर्कता विभाग ने घोटाले में लिप्त पाया है.