लखनऊ। घूसखोरी मामले में सीनियर IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। लखनऊ के पूर्व डीएम और LDA के पूर्व VC अभिषेक प्रकाश घूसखोरी कांड में निलंबित किया गया था। आरोप है कि उन्होंने उद्योग लगाने के बदले व्यापारी से पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। गोपनीय जांच में आरोप प्रमाणित हुए। अभिषेक घूसकांड के वक्त उद्योग विभाग के अधीन इन्वेस्ट यूपी में CEO पद पर तैनात थे।

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अभिषेक प्रकाश की विजिलेंस जांच के आदेश

अब सीनियर IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश पर विजिलेंस बिठा दी गई है। अभिषेक के पास अरबों रुपए कीमत की जमीनें हैं। बलिया के तत्कालीन सांसद वीरेंद्र मस्त ने सबूत के साथ यूपी सरकार को तब ब्यौरा दिया था। अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अभिषेक ने जांच नहीं होने दी थी लेकिन घूस कांड में सस्पेंशन के बार अब उसकी संपत्तियों जो अवैध रूप से अर्जित की गई है, उसकी जांच के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।

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