कुंदन कुमार/पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में भूमि सुधार सबसे चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है। मंत्री ने बताया कि भूमि विवाद से जुड़े करीब 12 लाख आवेदन अपलोड किए गए हैं, जिनका समय पर समाधान सरकार की प्राथमिकता है।

परिमार्जन पर साप्ताहिक मॉनिटरिंग

सिन्हा ने कहा कि विभाग की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन साप्ताहिक रूप से अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रिजेक्ट करने की मानसिकता को खत्म करना होगा, क्योंकि कई सही आवेदनों पर भी अनावश्यक परिवाद दर्ज किए जाते हैं। समय पर कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

फर्जी कागजात पर कड़ी कार्रवाई

मंत्री ने बताया कि एक विशेष टीम का गठन किया जा रहा है। फर्जी कागजात, परिमार्जन और संवेदनशील मामलों की औचक जांच करेगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मियों और अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही मॉनिटरिंग टीम यह भी देखेगी कि अधिकारी सुबह और शाम अपने कार्यालय में उपस्थित हैं या नहीं।

भूमि सुधार जन कल्याण कार्यक्रम की शुरुआत

भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार 12 दिसंबर से पटना में भूमि सुधार जन कल्याण कार्यक्रम की शुरुआत कर रही है। इसके बाद 15 दिसंबर को लखीसराय में यह कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें विभागीय अधिकारी जनता की शिकायतें सुनेंगे। सिन्हा ने कहा कि सही लोगों को न्याय मिलेगा और फर्जीवाड़ा करने वाले सख्ती से पकड़े जाएंगे। यह कार्यक्रम क्रमवार हर जिले में चलाया जाएगा।