रायपुर. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन शुभ मुहूर्त में व्रत रखते हुए विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. शत्रुओं को परास्त करने के लिए और अपने कार्यों में सफलता प्राप्ति के ​लिए विजया एकादशी का व्रत किया जाता है.

विजया एकादशी 2022 मुहूर्त

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ शनिवार 26 फरवरी, 2022 दिन 10 बजकर 40 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 27 फरवरी, 2022 को दिन 08 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. उदया तिथि 27 फरवरी को प्राप्त हो रही है, इसलिए विजया एकादशी का व्रत 27 फरवरी को रखा जाएगा. विजया एकादशी व्रत एकादशी की सुबह से शुरू होता है और इसका समापन द्वादशी के सूर्योदय से होता है. सूर्यास्त से पहले ‘सात्विक भोजन’ का सेवन करके दसवें दिन से अपना उपवास शुरू करते हैं. इस दिन किसी भी प्रकार के अनाज, दाल, और चावल का सेवन करना निषिद्ध है.

विजया एकादशी व्रत विधि 

  • प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें.
  • व्रत का संकल्प लें और फिर विष्णु जी की आराधना करें.
  • भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें.
  • घी में हल्दी मिलाकर भगवान विष्णु को दीपक दिखाएं.
  • पीपल के पत्ते पर दूध और केसर से बनी मिठाई रखकर भगवान को चढ़ाएं.
  • एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाएं.
  • भगवान विष्णु को केले चढ़ाएं और गरीबों को भी केले बांट दें.
  • भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी का पूजन करें.
  • द्वादशी तिथि के व्रत खोलें और प्रसाद वितरण करें.

जिन लोगों के जीवन में किसी प्रकार के शत्रुओं का भय हो, या कार्य बनते-बनते बिगड़ जाते हों तो भी यह व्रत जरूर करना चाहिए. इस व्रत को करने से हर कार्य में विजय प्राप्त होती है. विजया एकादशी का पालन करने से व्रती को सद्गती प्राप्त होती है. इस व्रत के पुण्यफल से व्यक्ति को सभी कार्यो मे सफलता मिलती है. इस व्रत की कथा को पढने से मनुष्य को वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है.