रायपुर. अब से कुछ देर बाद शिक्षा सचिव के पद से रिलीव होने वाले आईएएस विकासशील ने जाते-जाते शिक्षा विभाग का एक फर्जीवाड़ा रुकवा गए. दरअसल, अपने ट्वीटर एकाउंट से स्कूल शिक्षा विभाग ने एक ट्वीट करके लिखा कि प्रदेश के हर क्षेत्र में शिक्षा की रोशनी शासकीय स्कूलों ने फैला रखी है. अपने बात की पुष्टि के लिए विभाग ने बताया कि प्रदेश में 1 लाख 21 हज़ार प्राथमिक स्कूल, करीब 73 हज़ार माध्यमिक स्कूल, 29 हज़ार हाईस्कूल और 20 हज़ार हायर सेकेंड्री स्कूल हैं. विभाग ने करीब दो लाख चालीस हज़ार सरकारी स्कूलों की संख्या बता दी. जबकि सच्चाई है कि प्रदेश में कुल सरकारी स्कूलों की संख्या एक लाख के आस-पास है. युक्तिकरण के चलते सरकार ने पिछले दो सालों में हज़ारों की संख्या में स्कूल बंद कराए हैं.

शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव के सचिव विकासशील दफ्तर पहुंचे. उनकी नज़र इस ट्वीट पर पड़ी. उन्होंने फौरन विभाग को कहा कि इस आंकड़े को चेक करे. इसके बाद विभाग ने करीब 21 घंटे बाद अपना वो फर्जी ट्वटी हटा लिया.

आरटीई फोरम के संयोजक गौतम बंधोपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में कुल 55 हज़ार शासकीय स्कूल हैं. जिनमें करीब 30000 हज़ार प्राथमिक स्कूल, 14 हज़ार माध्यमिक स्कूल, 2000 हाईस्कूल और 2500 हायर सेकेंड्री स्कूल हैं.

विकासशील बतौर छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के तौर पर अपना कार्यभार गौरव द्विवेदी को सौंपकर दिल्ली डेपुटेशन पर चले जाएंगे. वे वहां स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर बहाल होंगे. वे दोपहर को अपना चार्ज  गौरव द्विवेदी को देगें. लेकिन जाते- जाते उन्होंने विभाग को बड़ा फर्जीवाड़ा करने से रोक दिया.