संदीप शर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां दो मोहल्लों के लोगों के बीच हुए आपसी विवाद के चलते यहां रहने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में चला गया है। मामला जिले के सिरोंज से मात्र 12 किलोमीटर दूर देवपुर पंचायत का बिसनपुर का है।
400 की आबादी वाला यह गांव दो मोहल्लों में बंटा है। दोनों मोहल्लों में यादव समाज ही रहता है, लेकिन यहां के स्कूल के रजिस्टर में दर्ज कुल 37 बच्चों में से 35 बच्चे दो साल से स्कूल नहीं गए है। इसके पीछे का कारण दोनों गांव के बीच दो साल पहले आपसी वाद विवाद मे किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इसमें दोनों पक्षों के 12 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद दोनों मोहल्लों के लोगों ने एक-दूसरे के मोहल्लों से आना जाना ही बंद कर दिया।
गांव में भवन विहीन स्कूल का संचालन पहले गांव के बीच स्थित मंदिर में होता था और फिर मोहल्ले में स्थित एक घर की दहलान संचालित होने लगा। बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के बड़े-बड़े दावे करती है तो वहीं दूसरी तरफ विधायक उमाकांत शर्मा द्वारा भी क्षेत्रीय विकास को लेकर बड़ी-बड़ी बातें मंचों के माध्यम से की जाती हैं। परंतु उनके कार्यकाल में हुए भूमि पूजन के बाद भी अभी तक स्कूल का निर्माण नहीं हो सका, जिसकी वजह से बिशनपुर गांव के बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबा जा रहा है।
स्कूल में दो टीचर हैं, किंतु दो साल से एक मोहल्ले के विद्यार्थी दूसरे मोहल्ले में संचालित स्कूल में नहीं जा रहे हैं। इनमें 20 बच्चे प्राथमिक शाला के तो 15 बच्चे माध्यमिक शाला के हैं। वे स्लेट और किताबों के सहारे घर पर ही पढ़ रहे हैं। ग्रामीणो ने बताया हमने तो कहा है मंदिर में स्कूल लगा लो, लेकिन शिक्षक नहीं मान रहे। हमें अपने बच्चों की कोई जानकारी नहीं है। जान प्यारी है। वे भले ही न पड़े, लेकिन हम उन्हें दूसरे मोहल्ले में नहीं भेजेंगे।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक