नासिर बेलिम/ शरद पाठक, छिंदवाड़ा/उज्जैन। प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर ह। प्रशासन ने भी चुनाव संपन्न कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। चुनाव की तिथि नजदीक आने के साथ ही ग्रामीण भी बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर मुखर होने वाले हैं। साथ सुविधाएं नहीं मिलने पर वोट का बहिष्कार करने लगे हैं। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। छिंदवाड़ा के ग्राम पंचायत लछुआ के ग्राम गोली ढाना के लोगों ने रोड नहीं बनने पर वोट बहिष्कार का ऐलान किया है। ग्रामीणों का कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं। 

अमरवाड़ा तहसील की ग्राम पंचायत लछुआ के गोलीढाना गांव के लोगों का कहना है रोड नहीं तो वोट नहीं और स्टॉप डेम नहीं तो वोट नहीं। ग्राम के लोगो के अनुसार वे पिछले 10 सालों से अपनी मांगों से नेता एवं जनप्रतिनिधियों को अवगत कराते रहे हैं। लेकिन आज तक किसी ने उनकी मांगे पूरी नहीं की है। हर 5 साल पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में नेता आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। इस बार वे गांव में किसी भी पार्टी के पंच, सरपंच, जनपद या जिला पंचायत प्रत्याशियों को आने की अनुमति नहीं देंगे। यहां तक कि शासकीय अधिकारियों को भी ग्राम वासियों को समझाने के लिए गांव में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

यह ग्रामीण अब किसी भी सूरत में अपना विरोध खत्म करने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव से कोई व्यक्ति चुनाव भी नहीं लड़ेगा। अब देखना यह होगा कि इस बार चुनाव का बहिष्कार कर रहे ग्रामीणों को मनाने के लिए नेता एवं जनप्रतिनिधि क्या हथकंडा अपनाते हैं।

इधर 3 गावों के ग्रामीणों ने स्टॉप डैम के विरोध में चुनाव का किया बहिष्कार 

स्टॉप डैम बनाने की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार की खबरें तो आपने बहुत देखी और सुनी होगी। लेकिन छिंदवाड़ा के मोहखेड तहसील के 3 गांव की अलग कहानी है। 3 गांव के ग्रामीणों ने स्टॉप डैम बनाने के विरोध में पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है। ग्रामीण मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। 

मोहखेड़ तहसील के ग्राम पंचायत बीजागोरा के निवासियों द्वारा इसके पूर्व अनेकों बार कन्हान काम्पलेक्स के अंतर्गत संगम -2 डेम ( गोल्हानिया ) की स्वीकृति मिलने के बाद अधिसूचना का प्रकाशन पर अपनी समस्याओं से शासन को अवगत कराया गया था। डेम के निर्माण से बीजागोरा पंचायत के अंतर्गत ग्राम बीजागोरा, तेकाड़ी, कोहट रैयत, कोटल माल ग्राम इस डैम के निर्माण में शामिल किया गया है। इन तीनों ग्रामों की जनसंख्या लगभग 3-4 हजार है। लगभग 1600 मतदाता हैं। सभी ग्राम आदिवासी बाहुल्य है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे द्वारा इस डैम के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के लिए जिला स्तर प्रदेश और केन्द्र स्तर तक अपना विरोध जताते हुए आवेदन दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं ।  ।

ग्रामीणों का कहना है कि इस डैम के निर्माण से इस ग्राम पंचायत के हजारों किसानों की भूमि और मकान और पशुपालन का व्यवसाय इस डैम के निर्माण से प्रभावित होगा। ऐसी स्थिति में हमारे परिवारों के सामने भूखों मरने की स्थिति आ जाएगी। गरीब आदिवासियों का जीवन यापन दुर्लभ हो जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि हमारी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लिहाजा सभी ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

उज्जैन में पीरझालर के लोग बोले- जब सड़क-पानी और बिजली नहीं तो क्यों करे मतदान

मामला ​​​​​​​उज्जैन से करीब पचास किमी दूर पीरझालर गांव का है। यहां 4 दिसंबर को कीचड़ के कारण गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने से एक महिला ने रेलवे क्रॉसिंग पर ही बच्ची को जन्म दिया था। बाद में बच्ची की मौत हो गई। ज्ञात रहे कि पिरझालार गांव में रेलवे क्रॉसिंग पर महिला ने नवजात को जन्म दिया था। अब यहां गांव के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि जिस गांव में ठीकसे सड़क नही हो जहां बिजली भी चौबीस घंटे नहीं आती है।वहां के लोग किस बात पर वोट दे।यहां की स्थिति यह है कि रेलवे स्टेशन की सड़क खराब होने और कीचड़ हो जाने से स्टेशन पर आने-जाने वालों को दिक्कतें आ रही है। ग्रामीणों ने एसडीएम को लिखा पत्र चुनाव का बहिष्कार करने के लिए ग्रामीणों ने एसडीएम को पत्र भी लिखा।ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे स्टेशन का रास्ता कच्चा होने के कारण उन्हें अपने खर्च पर मुरम डलवाना पड़ती है।

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