रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अंचल में सुचारु रुप से स्वस्थ्य सुुविधाए मुहैय्या कराने के उद्देश्य से हाट-बाजार क्लीनिक योजना की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 से की है. इस योजना से दूरस्थ एवं पहुंचविहिन क्षेत्रों के ग्रामीणों को सरलता से स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही हैं. मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के अंतर्गत ऐसे हाट-बाजार गांव जहां कोई स्वास्थ्य संस्था नहीं है. स्वास्थ्य संस्थाओं दो से तीन किलो मीटर दूर है, वहाँ के हाट-बाजारों में शिविर लगाकर ग्रामीणों को चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. ग्रामीण अपनी छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए बाजार वाले दिन को प्राथमिकता देते हैं. हाट बाजार क्लीनिक के स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि ग्रामीण उत्साहपूर्वक अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाते हैं. प्रति सप्ताह लगभग 30 से 50 ग्रामीण आकर अपनी जांच करा कर चिकित्सीय परामर्श और निःशुल्क दवाईयां ले जाते हैं.
सुकमा जिले में अब तक 29 हजार से अधिक मरीजो का उपचार हाट-बाजारों में लगी इन क्लीनिक में किया गया है. जिले के सभी तीनों विकासखण्डों के चिन्हांकित 21 हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका उपचार एवं दवाई का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है. हाट बाजार क्लीनिक में अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने आए ग्रामीण खेतमल टावरी ने बताया कि वे हर सप्ताह क्लीनिक आते है. वहीं जांच करवाने आए सोमा मड़कम ने बताया कि वे हर सप्ताह बाजार आते हैं और क्लीनिक में जाकर जांच करवाते हैं. अपने साथ वे अपने परिवारजनों और मित्रों को भी शासन की इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित करते हैं. इसी तरह से सोमा ने मलेरिया परीक्षण और रक्तचाप की जांच करवाई. उन्होंने साप्ताहिक तौर पर क्लीनिक योजना के संचालन के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे ग्रामीणों, खासकर महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों को बहुत सुविधा मिली है. अब उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी होने से वे साप्ताहिक हाट बाजार क्लीनिक में जाकर अपना जांच करवा लेते हैं.
सुकमा में अब तक 956 शिविरों का आयोजन कर 29049 मरीजों का उपचार किया गया एवं निःशुल्क दवाईयां दी गई. शिविर में सर्दी, खांसी, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के अलावा मलेरिया, टी.बी., एचआईव्ही, रक्तचाप, मधुमेह, रक्ताल्पता, कुष्ठ रोग, नेत्र विकार, डायरिया सहित गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का टीकाकरण करने के अलावा स्वास्थ्य संबंधी परामर्श देकर और इलाज कर उन्हें निःशुल्क दवाईयां दी जाती हैं. जिले के दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी हाट-बाजारों में स्वास्थ्य अमला पहुंचकर शिविर लगाते है और मरीजों का उपचार कर उन्हें निःशुल्क दवाईयां दी जाती है एवं आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया जाता है. इस प्रकार मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना से जिले के अंतिम छोर के गांव तक भी स्वास्थ्य सुविधा की पहुंच सुलभ हो गई है, जिसका लाभ ग्रामीणों को आसानी से मिल रहा है.