नरेश शर्मा, रायगढ़। जिंदल उद्योग को आवंटित गारे-पेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक में भू-अधिग्रहण और प्रस्तावित उत्खनन परियोजना को लेकर तमनार क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा विवाद अब चरम पर पहुंच गया है। पहले जनसुनवाई के दौरान हुए विरोध और अपशब्दों के मामले ने माहौल गरमाया, वहीं अब 14 गांवों के ग्रामीण आज सड़क पर उतर आए और जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जेपीएल की जनसुनवाई फर्जी है और सही प्रक्रिया के बिना आयोजित की गई है। वहीं मौके पर सुरक्षा बल तैनात है।

चक्काजाम और अनिश्चितकालीन हड़ताल

शुक्रवार सुबह से ही सैकड़ों ग्रामीण तमनार में इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने उद्योग से जुड़े वाहनों की आवाजाही रोकते हुए चक्काजाम कर दिया, जिससे सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। उनके आंदोलन के चलते जिंदल कंपनी का कामकाज ठप्प हो गया है और जेपीएल का कोल परिवहन पूरी तरह रुक गया है।

इस वजह से भड़के ग्रामीण, लगातार विरोध जारी

गारे-पेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक में 8 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित जनसुनवाई को लेकर तमनार अंचल के 14 गांवों के ग्रामीण लगातार विरोध दर्ज कर रहे थे। ग्रामीणों ने धौराभांठा स्कूल मैदान में रातभर रतजगा कर प्रदर्शन किया। लेकिन प्रशासन ने अचानक स्थल बदलकर बाजार क्षेत्र में जनसुनवाई आयोजित कर दी, जिससे ग्रामीण भड़के हुए हैं और लगातार जनसुनवाई का विरोध कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सहमति के बिना जनसुनवाई आयोजित की गई और उनकी जमीन व हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वहीं प्रशासन का तर्क दिया है कि सुरक्षा कारणों से स्थल बदला गया है।

इसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि कुछ दिन पहले विरोध कर रहे समूहों ने मंच से ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कर दी। फिर उसके बाद जनसुनवाई का समर्थन करने वालों को ग्रामोनों ने जूतों की माला पहनाई। अब ग्रामीण सड़क पर उतर गए और जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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