न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अंतिम छोर में बसे आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता है। ये हम नहीं यहा की जतना ने आरोप लगाए हैं।
दरअसल, अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत करपा के आधा सैकड़ा लोग कलेक्ट्रेट पहुंचकर रोजगार सहायक जसवंत नायक पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने सबूत के तौर पर ऑनलाइन माध्यम से रोजगार सहायक को दिए पैसे की स्लिप भी दिखाई।
ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत जिला पंचायत से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक की। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण एक बार फिर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
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ग्रामीणों ने बताया कि रोजगार सहायक ने फोन-पे और पेटीएम के माध्यम से पुष्पा सिंह से 10 हजार रुपए लेकर आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया। इसके साथ ही रोजगार सहायक ने कई हितग्राहियोंं से जियो टैग के नाम पर ऑनलाइन के माध्यम से 10 से 20 हजार रुपए की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि रोजगार सहायक जसवंत नायक को रिश्वत ना देने पर वह काम नहीं करता और बोलता है कि जिससे शिकायत करनी है कर दो। ग्राम पंचायत में मैं अपने हिसाब से काम करूंगा।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि 2019 और 20 में ग्रामीणों की शिकायत पर जांच कराई गई थी। जिसमें 13 लाख के गबन के मामले में वसूली के आदेश भी दिए गए थे। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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धान खरीदी केंद्रों में धरती पुत्रों से लिया जा रहा पैसा
इधर, अनूपपुर जिले के पाली में धान खरीदी कर रहे नवीन स्व. सहायता समूह धनपुरी और विद्या स्व सहायता समूह पयारी नंबर एक द्वारा पैसा लेकर किसानों का धान खरीदा जा रहा है। किसानों का आरोप है कि उनसे सिलाई और पल्लेदारी के नाम पर 3 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से लिया जा रहा है। धान खरीदी केंद्रों में स्व सहायता समूह की महिलाएं नदारद रहती हैं। उनके पतियों के द्वारा पूरा काम किया जा रहा था। वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर सोनिया मीना का कहना है कि इस मामले में शिकायत प्राप्त हुई है। डीएसओ को जांच के लिए आदेश दिया गया है।
बता दें कि जिले में 28 नवंबर से 15 जनवरी तक पंजीकृत किसान अपना धान बेच सकते हैं। जिले में कुल 34 उपार्जन केंद्र बनाए गए थे। जिसमें 17 स्व सहायता समूह और 17 सोसाइटी धान खरीद रही है।
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