कोंडागांव : जिले में जंगलों की अवैध कटाई लगातार जारी है. वन भूमि पट्टे मिलने की लालच में कुछ लोग जंगलों का सफाया करने पर उतारू हैं. जिले में अब तक पात्र लोगों को 75 हजार वन भूमि पट्टे बंट चुके हैं. लेकिन अब भी पट्टे की लालच के चलते कुल्हाड़ी की धार तेज हो हो रही है. वन भूमि पट्टे के लिए ग्रामीण जंगलों को मैदान में तब्दील करते जा रहे हैं.

जिले के मुलमुला परिक्षेत्र में ग्रामीण जंगलों की सफाई करते जा रहे हैं, जिसे लेकर ग्रामीणों में दो फाड़ हो गया है. एक तरफ अवैध कटाई करने वाली लोग हैं, तो दूसरी ओर जंगलों को बचाने वाले हैं. दरअसल कुछ ग्रामीण जंगल काटकर अवैध कब्जे की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ इस कटाई के विरोध में खड़े हैं. इस बीच वन अमले की अनदेखी भी सामने आई है. मामले की शिकायत करने के बाद भी वन अमले के नहीं पहुंचने से जंगल को बचाने वाले ग्रामीण भी टांगी-कुल्हाड़ी लेकर जंगल काटने लग गए. उनका कहना है कि जब वन अमला ही सोया हुआ है तो हम भी अब यही करते हैं.

पट्टा वितरण के मामले में कोंडागांव अव्वल

पूरे प्रदेश में सर्वाधिक जंगल जमीन पर काबिजों को पट्टे देने में कोंडागांव जिला आगे रहा है. पूरे प्रदेश के जिलों में सबसे ज्यादा 75 हजार पट्टे यहां दिए गए हैं. यहां लगभग सभी वास्तविक काबिजों को शासन स्तर पर पट्टा दे दिया गया है. लेकिन इसके बाद भी यहां जोर-शोर से जंगलों की अवैध कटाई जारी है. मामले में कुछ ग्रामीण चाहते हैं कि सरकार इसे लेकर सख्त हो. वास्तविक हकदारों को पट्टा मिल चुका है. अब लोग जो दायरा बढ़ा रहे हैं और नए सिरे से पट्टे की चाह में जंगल विरान कर रहे हैं उन पर पाबंदी लगे.

ये हैं वनभूमि पट्टे के हकदार

अगर वनभूमि की बात करें तो शासन द्वारा सिर्फ ऐसे जंगल में काबिज लोगों को पट्टा देना है जो साल 2005 के पहले वहां पर काबिज हैं. साथ ही वहां फसल ले रहे हैं. लेकिन लोग पट्टे की चाह में अब भी जंगल काटते जा रहे हैं.

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