अमित कोड़ले, बैतुल। हर अपराध का निपटारा थाने और कोर्ट में हो ये जरुरी तो नहीं, कभी-कभी कुछ मामले आपसी समझबूझ से भी हल हो सकते हैं। ऐसा ही एक मामला बैतूल के गोराखार गांव से सामने आया है। जहां एक शराबी ने गांव के प्राचीन नाग मंदिर की प्रतिमा को तोड़ने का प्रयास किया। यह घटना दो गांवों के बीच तनाव का कारण बन सकती थी, लेकिन ग्रामीणों की समझदारी से मामले को शांति से सुलझा लिया गया।

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जानकरी के अनुसार, ग्राम बघोली के निवासी कमलेश धोटे नामक व्यक्ति ने गोराखार के नाग मंदिर की प्रतिमा को तोड़कर ले जाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले न करके प्रायश्चित करने का मौका दिया, जिसका पालन भी किया गया है। कमलेश धोटे ने अपनी गलती स्वीकार की। इसके बाद, ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि कमलेश को नाग देवता की प्रतिमा की पुनः प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी।

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कमलेश धोटे ने इस शर्त को स्वीकार किया और दो दिन बाद उसने खुद उस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई, जिसे उसने खंडित किया था। इस पूजा पाठ का आधा खर्च भी कमलेश ने ही दिया। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, कमलेश ने भगवान से माफी मांगी और भविष्य में इस प्रकार की गलती न करने का संकल्प लिया। इस प्राण प्रतिष्ठा से न केवल ग्रामीणों में शांति और संतोष का माहौल बना, बल्कि कमलेश धोटे भी जेल जाने से बच गया। इस प्रकार, ग्रामीणों की समझदारी और आपसी सहमति से एक संवेदनशील मामला आसानी से सुलझ गया।

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