रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में 27 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में ग्रामीण रहवासियों को मालिकाना हक देने के साथ रिकॉर्ड ऑफ राइट्स प्रदान किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी स्वामित्व योजना के तहत पूरे देश में 57 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड का वितरण करेंगे. इनमें छत्तीसगढ़ के 17 जिलों के 50 हजार से अधिक संपत्ति मालिकों के भूमि संबंधी रिकार्डस शामिल हैं. स्वामित्व योजना में मालिकाना हक के साथ ही रिकॉर्ड ऑफ राइट्स प्रदान करने के लिए जिलों में समारोह का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन दोपहर 12ः30 बजे से प्रारंभ होगा.
इन जिलों में आयोजित होंगे कार्यक्रम
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय धमतरी में आयोजित समारोह में शामिल होंगे. इसी प्रकार उपमुख्यमंत्री अरुण साव कोरबा, उपमुख्यमत्री विजय शर्मा दुर्ग, कृषि मंत्री रामविचार नेताम बलरामपुर-रामानुजगंज, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल महासमुंद, वन मंत्री केदार कश्यप राजनांदगांव, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, कबीरधाम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बलौदाबाजार-भाटापारा, वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी सरगुजा और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सूरजपुर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी. इसके अलावा 7 अन्य जिलों कोंडागांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, बालोद, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, सक्ती में भी स्वामित्व कार्डों का वितरण होगा.
स्वामित्व योजना के हैं कई लाभ
स्वामित्व योजना का उद्देश्य भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के माध्यम से ग्रामीणों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना है. इस योजना में ड्रोन सर्वे और जीआईएस मानचित्रों की सहायता से भूमि रिकार्डस को सटीक बनाया जाएगा. भूमि संबंधी सर्टिफिकेट मिलने से भूमि संबंधी विवादों मे कमी आएगी. संपत्ति की खरीदी बिक्री और हस्तान्तरण आसान हो जाएगा. भूमि मालिकों को बैंकऋण मिलने में आसानी होगी. इसके अलावा शासकीय और सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.
योजना की शुरूआत 24 अप्रैल 2020 से
स्वामित्व योजना की शुरूआत 24 अप्रैल 2020 को ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में ग्रामीण रहवासियों को मालिकाना हक देने के लिए हुई थी. देश के अब तक 3.17 लाख गांव में ड्रोन सर्वे पूरा किया गया है और 1.49 लाख गांव के लिए 2.19 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए है. छत्तीसगढ़ के सभी आबादी गांव में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है एवं 1384 गांवों में 1.84 लाख संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैैं.
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