वोट देने के एवज में आपने कई तरह की मांगे सुनी होंगी. कई लोग वोट देने के लिए सड़क की मांग करते हैं. कोई बिजली की मांग करता है. कोई पानी की मांग करता है. लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां लोग वोट देने के लिए लोगों ने हेलीकॉप्टर की मांग की है.

आषुतोश तिवारी,रीवा। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव हो रहे हैं. रीवा जिले के गंगेव जनपद के सेंदहा ग्राम पंचायत स्थित नेवरिया गांव के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव में वोट डालने के लिए हैलीकॉप्टर की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि हैलीकॉप्टर नहीं तो वोट नहीं. मामला एमपी के रीवा जिले में गंगेव जनपद का है. जहां सेदहा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने वोट देने के बदले निर्वाचन आयोग से हेलीकॉप्टर की मांग की है.

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75 साल बाद भी नहीं है सड़क

दरअसल, आजादी के 75 साल बाद भी इस गांव में सड़क नहीं है. जिसके चलते बारिश के समय इस गांव का संपर्क टूट जाता है. अब बारिश के मौसम में होने वाले इस चुनाव के लिए अधिकारियों ने पोलिंग बूथ तय कर दिए हैं. जिसके बाद नेवरिया गांव के ग्रामीणों ने चुनाव आयोग से शिकायत कर हेलीकॉप्टर की मांग की है. उनका कहना है कि यदि चुनाव आयोग चाहता है कि हम वोट दें तो इसके पहले उन्हें हमें हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराना होगा.

ग्रामीणों ने बताया कारण

ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के समय गांव का संपर्क टूट जाता है. सड़क ना होने की वजह से ग्रामीणों को कहीं जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आपात स्थिति में ग्रामीण खेत या नाला पार कर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं. अब ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि यदि आयोग चाहता है कि हम वोट दें तो, हमें हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराएं. क्योंकि बारिश के समय सड़क ना होने की वजह से उनके पास हेलीकॉप्टर के सिवाय और कोई साधन नहीं है जिससे वे पोलिंग बूथ तक पहुंच सकें.

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इस मामले में अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह का कहना है कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. ग्रामीणों की मांग है की पोलिंग बूथ तक जाने के लिए जो सड़क खराब है, उसकी मरम्मत करवाई जाए अन्यथा वह वोट डालने से वंचित रह जाएंगे. ग्राम पंचायत का निरीक्षण करवाया जा रहा है. सड़क खसरे में दर्ज है या फिर नक्शे में उसका अस्तित्व है या नहीं है. इसकी जांच कराई जाएगी. ग्रामीणों के चर्चा कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

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