संतोष राजपूत/शशि देवागंन, राजनांदगांव.  प्रदेश में सोमवार को प्रथम चरण का मतदान संपन्न हो गया. डोंगरगढ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भेंडरवानी के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं किया है. मतदान बहिष्कार को लेकर ग्रामीणों का कहना है की पंचायत में शौंचालय निर्माण और पंचायत के विभिन्न निर्माण कार्यों में सरपंच और सचिव के द्वारा लापरवाही की गई है.जब ग्रामीणों ने इस बात का विरोध करते हुए शिकायत स्थानीय प्रशासन से किया. मगर प्रशासन के द्वारा कार्यवाही के नाम पर महज लीपालोती कर सरपंच और सचिव को सुरक्षित बचा दिया गया. जिससे ग्रामीणों में अधिक आक्रोश बढ़ता गया और इसके परिणाम ग्रामीणों को इकट्ठा होकर 12 नवम्बर को मतदान नहीं किया.

मिली जानकारी के मुताबिक  ग्रामीणों ने एक दिन पहले गांव में बैठक किया. जिसमें महिला 230 और पुरूष 253 कूल 483 मतदाताओं ने फैसला लिया की मतदान का बहिष्कार कर मतदान नहीं करना है.ग्राम भेंडरवानी बूथ क्रं 259 मतदान केन्द्र बना कुल 483 मतदाता थे. जहां शत-प्रतिशत मतदान पड़ने की संभावना थी.

खाली हाथ लौटना पड़ा चुनावी दल को 

प्रशासन के द्वारा जहां शहर के लेकर ग्रामीण स्तर तक शत-प्रतिशत मतदान करने का वृहद प्रचार-प्रसार किया गया. वहीं ग्रामीणों ने अपने गांव को बुनियादी सुविधाओं से बंचित और विकास कार्यों में सरपंच-सचिव के द्वारा किया जाने वाला भृष्टाचार के मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने बहिष्कार किया. एक भी ग्रामीण ने वोट नहीं डाला. दिनभर मतदान टीम हाथ पे हाथ धरे बैठी रही व शाम 5 बजे बिना मतदान के बैरंग ही लौट गई. अंतत: मतदान दल को खाली हाथ बैरंग लौटना पड़ा.

प्रशासनिक अधिकारी ने दिखाई सख्ती

चुनाव बहिष्कार की जानकारी मिलते ही सचिव को निलंबित कर दिया गया. अनुविभागीय अधिकारी द्वारा सरपंच को धारा 40 के तहत निर्माण कार्यों में लापरवाही एवं अनियमितता के आरोप में आगामी 19 नवंबर को न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि आज से दो माह पूर्व ग्राम पंचायत भेंडरवानी के समस्त ग्रामीणों ने ग्राम के सरपंच एव सचिव  द्वारा पंचायत के विकास कार्यों मूलभूत सुविधाओं एव अन्य निर्माण कार्यों में लापरवाही व स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की राशि में भ्रष्टाचार एवं घपले घोटाले की लिखित शिकायत जिला कार्यालय जाकर कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ से की गई थी.

मगर प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता एव उक्त ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर कोई भी कार्यवाही न होने के चलते ग्रामीणों ने उक्त विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया. पूरे प्रदेश एव देश के चार राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में यह एक ऐसा गांव है जहाँ पूरे मतदान का प्रतिशत जीरो रहा. एक भी ग्रामीण ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया.

विकास कार्यों के लिए एकजुट हुए ग्रामीण

सरकार के द्वारा विकास कार्यो ंके लिए जहां सैकड़ों महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही है. वहीं इन योजनाओं का क्रिन्यवयन करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. भेंडरवानी गांव के ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाते हुए सभी एक स्वर से मतदान बहिष्कार किए. यहां तक ग्रामीणों को सहयोग देते हुए ग्रान कोटवार तक ने मतदान नहीं किया. हलांकि ग्रामीणों के इस साहसिक कदम को देखकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.