अभिषेक सेमर, तखतपुर. ग्राम नेवरा में शुक्रवार को स्टील प्लांट और केपीसीएल पावर प्लांट (KPCL Power Plant) खोलने को लेकर जन सुनवाई आयोजन किया गया था. जिसमे प्लांट खोलने के विरोध में ग्रामीणों ने जन सुनवाई का बहिष्कार कर दिया. दरअसल, नेवरा ग्राम पंचायत में स्टील प्लांट और KPCL Power Plant खोले जाने के विरोध में करीब 10 ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि समेत भारी संख्या में ग्रामीण जनसुनवाई में पहुचे थे. इस दौरान जनप्रतिनि सहित ग्रामीणों ने स्टील प्लांट और पावर प्लांट बनने पर असहमति जताते हुए इसका विरोध किया. वहीं जन सुनवाई का बहिष्कार कर ग्रामीण बीच में ही वहां से चले गए.

जन सुनवाई में आए सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप अग्रवाल ने बताया कि ये जनसुनवाई पूरी तरह से गलत है. 45 दिन के बाद कलेक्टर जनसुनवाई कराएं. उसके बाद हायर अथॉरटी दिल्ली को खत लिखकर सूचित करना होता है. दिलीप ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम पंचायत का NOC नहीं है, साथ ही IA रिपोर्ट जिस कंसल्ट कंपनी से बनवाया गया है, वो फर्जी है. ना 35 तालाब का उल्लेख है, ना बांध का उल्लेख है और ना ही ब्रिटिश जमाने के अस्पताल, ना उप स्वास्थ्य केंद्र छात्रावास का कहीं उल्लेख नहीं है. पूरे गलत तरीके से रिपोर्ट तैयार किया गया है. जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जरुरत पड़ने पर माननीय उच्च न्यालय की शरण में जाएंगे, लेकिन स्टील प्लांट और पावर प्लांट को खुलने नहीं देंगे.

बिना एनओसी हो रही सुनवाई- हर्षिता पांडेय

जनपद सदस्य आयुशा खांडे ने बताया कि स्टील प्लांट खुलने से कम से कम 15 से 20 ग्राम पंचायत प्रभावित होंगे. साथ ही लोगों को सड़क दुर्घटना और दमा, टीबी जैसी बीमारी से सामना करना पड़ेगा. इससे क्षेत्र के लोगों का जीना दूभर हो जाएगा. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग सलाहकार हर्षिता पांडेय ने जन सुनवाई को महज खानापूर्ति बताते हुए कहा कि ये महिला सरपंच, महिला जनपद सदस्य का अपमान है. जो कि बिना ग्राम पंचायत की एनओसी के और क्षेत्र की जनता की बिना सहमति के अधिकारी पावर प्लांट के लिए जन सुनवाई कर रहे हैं.