अंबिकापुर। शहर के परसा कोल परियोजना के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामीणों ने आज यानि कि शनिवार को फतेहपुर के सम्मेलन का विरोध किया। क्षेत्र के बाहरी एनजीओ द्वारा आज फतेहपुर में ग्रामीणों के लिए एक सम्मेलन का आगाज किया गया था, जिसे परियोजना के ग्रामीणों ने सिरे से नकार दिया। यही नहीं एनजीओ ने ग्रामीणों को धमकी देकर इस सम्मेलन में शामिल न होने की बात भी कही.  जिससे स्थानियों व बाहरी एनजीओ के बीच मार-पीट की भी स्थिती खड़ी हो गई थी. इसके पश्चात बामुश्किल लोगों को समझा कर कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई.

बता दें कि इस सम्मेलन के विरोध में कल सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टर सुरगुजा को राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के कोल परियोजना के क्रियान्वन तथा सम्मेलन के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ने की चिंता बताते हुए ज्ञापन सौंपा था। ग्रामीणों ने अपने बयान  में कहा कि पिछले कई दिनों से गावों में बाहरी लोगों का जमावड़ा होने लगा है, जो अपने स्वार्थ के लिए हमें भड़का रहे हैं। यही नहीं वे लोग धमकी देकर हमें खदान के विरूद्ध होने वाले सम्मेलन में शामिल होने को भी कह रहे हैं। हम अपने और गांव के विकास के लिए प्रशासन से भूमि अधिग्रहण कर उचित मुआवजे की मांग रखते हुए सम्मेलन का पुरजोर विरोध करते हैं। साथ ही प्रशासन से अनुरोध करते हैं, कि वो हमारी उपरोक्त मांगो के संज्ञान लेते हुए उन बाहरी लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें.

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ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कोल खदान की कंपनी के आने से हम ग्रामीण बहुत खुश हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना माहामारी के कारण हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है और हमारे गांव के युवा भी बेरोजगार हो चुके हैं। क्षेत्र का विकास भी नहीं हो रहा है। इस बीच सरकार के द्वारा भूमि अधिग्रहण हमारे लिए एक वरदान की तरह है। इससे हम अपनी तथा ग्राम के वर्तमान स्थिति में सुधार ला सकते हैं। हमने देखा है कि परियोजन प्राभावित जिन ग्रामों का भूमि अधिग्रहण हो चुका है. उन ग्रामों में जीवन यापन के लिए नौकरी, रोजगार तथा सभी मूलभूत सुविधाओं का लाभ उन सभी ग्रामीणों को मिल रहा है. जबकि हमारे ग्राम अभी भी इनसे अछूते है। इस संबंध में हम सभी ने जून 2021 में माननीय मुख्यमंत्री जी को एक आवेदन भी दिया था। अब चुकी यह प्रक्रिया हमारे ग्राम के लिए सार्थक होने वाली हैं तो कुछ बाहरी लोग अपने स्वार्थ के लिए इस में रोड़ा अटकाने में लगे हुए है। हम सभी ग्रामीण सम्मेलन तथा पद यात्रा का पुरजोर विरोध करते है तथा कानून व्यव्स्था सुचारू रूप से बनाने हेतु जिला प्रशासन से आग्रह करते है.

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स्थानीय लोगों ने बाहर से आए हुए एक्टिविस्ट को गांव से वापस जाने को कहा, जो बिना परमिशन के आए हुए कहे जा रहे हैं। गांव वालों ने कल कलेक्टर को ज्ञापन देकर कोयला खदान का विरोध करने वाले बाहरी तत्वों को दूर रखने के लिए निवेदन किया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां उन्हें रोजगार और मुआवजे की जरूरत है, वहीं देश को बिजली की आवश्यकता है। इस स्थिति में सरगुजा जिले में कोई खदान का काम रुकना नहीं चाहिए। यह स्थानीय लोगों की इच्छा है.

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