अमित पांडेय, खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के एक गांव में युक्तियुक्तकरण से पदस्थ हुई सहायक शिक्षिका की लापरवाही से परेशान होकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. शिक्षिका मोहिनी देवांगन की पदस्थापना हाल ही में खैरागढ़ जिले के छुईखदान विकासखंड अंतर्गत ग्राम दनिया स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में की गई है. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है वह न तो समय पर स्कूल आती हैं और न बच्चों को ठीक से पढ़ाती हैं. इसके साथ ही शिक्षिका का बच्चों और पालकों के प्रति व्यवहार भी असंवेदनशील रहता है.

इस मामले में ग्रामवासियों ने पहले भी सुशासन तिहार के दौरान 3 से अधिक बार आवेदन देकर शिक्षिका के स्थानांतरण की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब दनिया के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और चेतावनी दी है कि अगर 16 जून तक शिक्षिका का ट्रांसफर नहीं किया गया, तो वे स्कूल में तालाबंदी कर देंगे, जिसकी जिम्मेदार प्रशासन होगी.

पूर्व शिक्षक को वापिस लाने की मांग

ग्राम पंचायत दनिया के सरपंच मंगलू राम साहू ने बताया कि जब से मोहिनी देवांगन स्कूल में पदस्थ हुई हैं, तब से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है. उनका कहना है कि इसी स्कूल में कार्यरत सहायक शिक्षक दयासागर जोशी बच्चों को अच्छी तरह पढ़ाते थे. उनके आने से स्कूल में बच्चों की संख्या भी बढ़ी थी. लेकिन हाल ही में उन्हें युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत अतिशेष बताकर स्कूल से हटा दिया गया है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है.

बच्चों का भविष्य खतरे में : ग्रामीण

ग्रामीणों की मांग है कि मोहिनी देवांगन को स्कूल से हटाकर दयासागर जोशी को फिर से उसी स्कूल में पदस्थ किया जाए. उनका कहना है कि स्कूल में पहली से पांचवीं तक 38 बच्चे पढ़ते हैं और यदि एक जिम्मेदार शिक्षक को हटा दिया गया और पढ़ाई में रुचि न लेने वाली शिक्षिका को बनाए रखा गया, तो बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.

ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि 16 जून को स्कूल खुलने तक उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे स्कूल में तालाबंदी कर देंगे. इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. उन्होंने प्रशासन से बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने की मांग की है..