पिथौरा. ग्राम पंचायत लाखागढ़ में इंदिरा कॉलोनी के 60 परिवारों की सरकारी जमीन को आबादी घोषित करने की मांग को लेकर चल रहा धरना प्रदर्शन अब आमरण अनशन में बदल गया है. स्थानीय तहसील कार्यालय के सामने एक सूत्रीय मांग को लेकर ग्राम लाखागढ़ के 60 पीड़ित परिवार तपती गर्मी में आंदोलन पर डटे हुए हैं.

पीड़ित परिवारों ने 3 जून से धरना प्रदर्शन शुरु किया है. आंदोलनकारियों ने 6 जून तक मांग पूरी न होने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी थी. 6 जून से दो आंदोलनकारी फिरोज खान एवं राजेंद्र पंडा आमरण अनसन में बैठ गए हैं. बताया जा रहा कि पिथौरा से लगे लाखगढ़ के इंदिरा कॉलोनी में शासकीय भूमि को आबादी घोषित करने की मांग को लेकर कलेक्टर महासमुंद को सरपंच आवेदन दे चुका है, जिसकी जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने पिथौरा तहसीलदार ने 7 फरवरी को आदेश जारी किया है, किंतु आज पर्यंत तक जांच प्रतिवेदन कार्यालय तहसीलदार में प्रस्तुत नहीं किया गया.

जांच रिपोर्ट नहीं देने से ग्रामीणों में आक्रोश
फरवरी में ही आबादी घोषित करने 25 तारीख को सुनवाई तिथि रखी गई थी. 4 माह बीत जाने के बाद भी जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किए जाने से ग्रामीण क्षुब्ध हैं. अनशनकर्ता फिरोज खान ने बताया कि प्रशासन के नुमाइंदों द्वारा बेवजह लापरवाही किए जाने से आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा. इस तपती एवं झुलसाती गर्मी में टेंट के नीचे आंदोलनकारी ग्रामीण धरने पर डटे हुए हैं. आंदोलन में फिरोज खान, राजेंद्र पंडा के अलावा, जगदीश वासीदेव, किशोर नायक, अलादिनी तांदी, तुलारी अग्रवाल, रोहित साहू, निराबाई देवांगन, सरस्वती, सुखराम प्रजापति, मनोज, शोएब खान, गुरमीत कौर सहित अन्य डटे हुए हैं.

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