गरियाबंद. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. राजनीतिक रसूख से चल रहे रेत खदान पर कार्रवाई शुरू हो गई है. रविवार को पथर्री में चल रहे अवैध खदान पर ग्रामीणों ने धावा बोल दिया है. LALLURAM.COM ने सबसे पहले गरियाबंद में राजनीतिक रसूख से चल रहे अवैध रेत खदानों का खुलासा किया था. खुलासे के बाद अब लगातार अवैध रेत खदानों के खिलाफ धड़ा-धड़ कार्रवाई हो रही है. रविवार सुबह से पथर्री के ग्रामीण यंहा चल रहे अवैध रेत खदान पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीण हेमू साहू, महाजन ध्रुव के नेतृत्व में 100 से ज्यादा ग्रामीणों ने पथर्री रेत घाट पहुंच कर चेन माउंटेन से हो रही अवैध खोदाई को बंद कर दिया है. ग्रामीण अफसरों द्वारा कार्रवाई नहीं करने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कह रहे हैं.

दरअसल, ठेकेदार को भेंडरी के रकबे का आबंटन हुआ है. लेकिन वह नियम को ताक में रखकर मजदूरों के बजाए मशीन से खनन करवा रहा है. इसके पहले शनिवार को माइनिग अफसरों की टीम ने चौबे बांधा में चल रहे अवैध खदान पहुंचकर चेन माउंटेन मशीन को सील कर दिया. लीज की अवधी खत्म होने के बावजूद इस खदान में दूसरे जिले के एक कांग्रेस विधायक के वरद हस्त प्राप्त नेता इस खदान का संचालन कर रहा था. जिससे रोजाना 2 लाख से भी ज्यादा की कमाई इस अवैध खदान से हो रही थी.

कूकदा के खदान से नहर डेमेज

रसूखदारों के फेहरिस्त में अब सबसे बड़ा नाम कूकदा के खदान संचालन कराने वालों का नाम हो गया है. पांडुका थाने के बाजू से कूकदा पिकवियर के नहरों को डेमेज करते हुए यहां रेत से भरी बड़ी गाड़ियां निकलती हैं. वहां चेन माउंटेन से बेधड़क खनन कराया जा रहा है. पंचायत के विरोध के बाजूद इस खदान में कार्रवाई के लिए प्रसाशन की सांस फूल रही है. बताते हैं यहां अगर कार्रवाई हुई तो प्रशासन के अन्य कमजोरियो की कलाई खुल जाएगी.

पीतईबंद में उजड़ रही नर्सरी

NGT के निर्देश के मुताबिक किसी भी रेत खदान संचालन के लिए पहले वहां पौधरोपण कराना अनिवार्य है. लेकिन पितईबंध में चल रहे अवैध खदान के कारण यहां लगी सरकारी नर्सरी चौपट हो रही है. खनन के चलते कटाव का दायरा इतना बढ़ गया है कि बारिश आते ही नर्सरी में लगाए पेड़ इस बार बह जाएंगे.

संसाधनों की कमी का रोना रो रहे अफसर

अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के पीछे पहली वजह राजनीतिक दबाव तो है ही, लेकिन दूसरी वजह स्टाफ की कमी का होना है. प्रभारी खनिज माइनिंग अधिकारी फागुलाल नागेश ने कहा कि जहां भी अवैध संचालन हो रहा है, सभी जगह बारी-बारी से कार्रवाई करेंगे. क्योंकि हमारे पास संसाधन और स्टाफ की कमी है. जिले में खनिज विभाग में 16 पद स्वीकृत हैं. लेकिन निरक्षक, मान चित्रकार, सिपाही समेत 8 पद रिक्त हैं. इसके चलते फील्ड में अवैध कार्य को रोकना हो या नए खदान के लिए फाइल तैयार करना हो, दोनों ही काम बाधित होता है. फील्ड में जाने के लिए 90 के दशक का एक पुराना जीप है. जिसकी मरम्मत हर महीने करानी पड़ती है. इसी रामप्यारी (जीप) से 250 किमी में फैले जिले का दौरा विभाग करती है.

गैर राजनीतिक प्रभावी इलाकों में कार्रवाई में देरी नहीं

हालांकि सरकारी आंकड़ों की मानें तो गैर राजनीतिक प्रभाव वाले इलाके और परिवाहन करने में विभाग देर नहीं करती. अधूरे संसाधन के बावजूद कार्रवाई संतोषजनक रहती है. पिछले वित्तीय वर्ष में 31 मार्च 2023 तक विभाग ने 50 लाख 46420 रुपये का राजस्व वसूला था. सबसे ज्यादा 159 कार्रवाई अवैध परिवहन के थे. इस केस में 31 लाख 86940 रुपये की वसूली कार्रवाई हुई थी. अवैध भंडारण के खिलाफ चलाए गए मुहिम से 10 लाख का जुर्माना भी वसूला गया था.