डब्बू ठाकुर, कोटा। सड़क बनाने जमीन नहीं देने पर एक परिवार का गांव के दबंगों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया. गांव के दबंग यहीं नहीं रुके अब परिवार के खेत में सिंचाई का पानी देने से भी इनकार किया जा रहा है.

कहने को तो हम 21वी सदी में जी रहे हैं और देश संविधान से चल रहा है. लेकिन सच यह है कि आज भी कई ग्रामीण इलाकों में कबिलाई संस्कृति और सामंत शाही जारी है, जहां गरीब, लाचार, मजबूर पर दबाव बनाने उनके सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया जाता है. ऐसा ही कुछ तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सिरसहा निवासी नौरंग परिवार भोग रहा है. इस संबंध में बहोरन नवरंग और जगदीश नौरंग के सभी संभावित दरवाजे पर फरियाद करने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिल रहा.

असल में गांव में पंचायत द्वारा सड़क निर्माण किया जाना है, जिसके लिए नौरंग परिवार पर दबाव बनाते हुए उनकी निजी जमीन की मांग की जा रही है. चूंकि परिवार के पास पालन-पोषण और जीविका उपार्जन के लिए बेहद कम जमीन है, फिर भी वे मुआवजा लेकर थोड़ी जमीन देने को राजी है, लेकिन गांव के दबंग चाहते हैं कि नवरंग परिवार बिना किसी मुआवजे के ही अपनी अधिकांश जमीन उन्हें सड़क बनाने के लिए दे दे.

अपनी मंशा पूरी ना होने पर दबाव बनाने के लिए पंच, सरपंच और गांव के दबंग नौरंग परिवार को तरह-तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं. यहां तक कि गांव में उनके सामाजिक बहिष्कार का भी एलान कर दिया गया है. हालात यह है कि पीड़ित परिवार को न तो बिजली, पानी और नाली की सुविधा लेने दिया जा रहा है और ना ही उन्हें दुकानों से राशन ही खरीदने दिया जाता है. गांव का कोई भी उनसे बात करने को तैयार नहीं.

इस सामाजिक पाबंदी के साथ नवरंग परिवार किसी तरह जीवन यापन कर रहा है लेकिन फिर भी ग्राम पंचायत सिरसहा के सरपंच और पंच समेत गांव के ही दबंग बहोरन और जगदीश पर अपनी जमीन सड़क बनाने के लिए दान देने दबाव बना रहे हैं. पुलिस पर भी आरोप है कि अधिकारियों के निर्देश के बावजूद वो है दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर रही. इस संबंध में एक बार फिर पीड़ित परिवार शुक्रवार को अपनी फरियाद लेकर एसडीएम के पास पहुंचा.

अब तक इस मामले की शिकायत थाने और पुलिस अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से भी की जा चुकी है, लेकिन दोषियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ना होने से उनके हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं. पीड़ित परिवार को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.